जमुई: बिहार के जमुई जिले में सदर अस्पताल की बड़ी लापरवाही प्रकाश में आई है. वैसे तो अस्पताल में लापरवाही क मामले आए दिन सामने आते रहते है, किन्तु अब ऐसी लापरवाही सामने आई है जिससे एक बच्ची की जान पर बन सकती थी. वहीं, ऐसे कामों से अस्पताल पर से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है. दरअसल, सदर अस्पताल के लैब के कर्मियों द्वारा बड़ी चूक की गई है.
अस्पताल में जब खैरा प्रखंड के चौकीटांड गांव के रहने वाले मो. शमशेर रजा बुखार से पीड़ित अपने डेढ़ वर्षीय बेटे को उपचार के लिए लेकर आए थे. जहां डॉक्टर ने उसे खून चढ़ाने की बात कही. जिसके बाद उसने बच्चे का सबसे पहले ब्लड ग्रुप की जांच कराने लैब पहुंचे. लैब में टैक्नेशियन द्वारा बच्चे का ब्लड ग्रुप की जांच की गई और शमशेर बताया गया कि उनके बेटे का ब्लड ग्रुप B+ है. जिसके बाद खून के लिए वह लगभग तीन घंटे तक भटकता रहा. परिजनों की खून की जांच करवाई, किन्तु किसी का ब्लड बच्चे से मैच नहीं कर रहा था. हालांकि बाद में सुन्नी उलेमा बोर्ड के सचिव ज्याउल रसूल गफ्फरी ने बी-पोजेटिव ब्लड की व्यवस्था कराइ.
हैरान करने वाली बात तो तब सामने आई जब ब्लड बैंक के टेक्नेशियन द्वारा खून का क्रास मैचिंग किया गया तो बच्चा का बल्ड ग्रुप O+ निकला. जिसके बाद O+ ब्लड लो व्यवस्था कर बच्चे को शाम में ब्लड चढ़ाया गया. वहीं, इसकी जानकारी अस्पताल अधीक्षक को भी दी गई. जिसके बाद अधीक्षक ने लैब टेक्नेशियन को जमकर फटकारा. साथ ही गलती का कारण बताने के लिए भी कहा.
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