बच्चे के बैग से मुस्लिम टीचर ने 'गीता' निकालकर डस्टबिन में फेंकी, देवी-देवताओं को भी दी गाली
बच्चे के बैग से मुस्लिम टीचर ने 'गीता' निकालकर डस्टबिन में फेंकी, देवी-देवताओं को भी दी गाली
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पटना: बिहार के गया जिले में चौथी कक्षा में पढ़ने वाले एक बच्चे के बैग से श्रीमगभगवद्गीता को निकालकर डस्टबिन में फेंकने और हिंदू देवी-देवताओं को गाली देने वाली मुस्लिम टीचर सदफ पर एक्शन लेते हुए उसे स्कूल से निकाल दिया गया है। इस मामले में पीड़ित छात्र के पिता राहुल सिंह ने डेलहा थाने में आरोपित शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। पीड़ित के पिता ने शिक्षिका के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की माँग की है।

प्राथमिकी की कॉपी के अनुसार, चौथी कक्षा के पीड़ित छात्र के पिता राहुल सिंह ने शिकायत में पुलिस को बताया है कि उनका बेटा हमेशा अपने बैग में श्रीमदभगवद गीता और साथ में जाप माला रखता है। दोपहर में मध्यांतर के समय वो श्रीमदभगवद गीता का पाठ करता है। 9 दिसंबर 2021 को उसकी स्कूल की हिंदी की टीचर सदफ ने बैग की जाँच की और जबरन श्रीमदभागवद गीता और जाप माला को निकाल कर डस्टबिन में फेंक दिया। शिक्षिका ने ये भी कहा कि तुम्हारे (हिंदुओं के) सभी ‘देवी-देवता कुत्ते-कुतिया’ जैसे हैं।

बच्चे के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि शिक्षिका ने उनके बच्चे को गाली देते हुए धमकी दी है कि यदि उसने किसी को ये बात बताई तो उसकी खाल उधेड़ देगी। उन्होंने शिक्षिका सदफ पर जानबूझ कर हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ का तिरस्कार करने का आरोप लगाया है। और इसके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। मीडिया से बात करते हुए डेलहा थाने के SHO ने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है। किन्तु अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभी तक उन्हें शिक्षा विभाग की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। अब पुलिस और शिक्षा विभाग की जाँच साथ-साथ चलेगी। SHO ने यह भी बताया कि आरोपित टीचर सदफ अनुबंध पर थी और उसे स्कूल से निकाल दिया गया है।

बता दें कि, कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान में हुसैन लिखा हुआ कागज़ फाड़ने का आरोप लगाते हुए एक श्रीलंकाई नागरिक को जिन्दा जला दिया गया था।  वहीं, बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा पंडाल में क़ुरान रखे होने का आरोप लगते हुए दर्जनों हिन्दू मार डाले गए और उनकी महिलाओं के साथ बर्बर बलात्कार किए गए। भारत में भी आपको याद हो तो, किसान आंदोलन के दौरान श्री गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी के आरोप में एक दलित सिख लखबीर सिंह के हाथ पाँव काटकर उसे लटका दिया गया, जहाँ तड़प-तड़पकर मौत हो गई। फ्रांस में चार्ली हेब्दो द्वारा बनाए गए पैगम्बर का एक कार्टून दिखने के जुर्म में एक टीचर की हत्या कर दी गई और पूरी दुनिया में, यहाँ तक कि भारत में भी मुस्लिमों ने एम्मानुएल मैक्रॉन के पुतले फूंके, ऐसे दर्जनों उदाहरण और भी मिल जाएंगे। लेकिन अपने ही देश में हिन्दू अपने धर्मग्रंथों का अपमान होते देख, कोई आतंकी कृत्य करने के बजाए, देश के संविधान के अनुसार कानून से इन्साफ की गुहार लगा रहा है। यही उसकी सहिष्णुता है, जो हिन्दुओं के खून में रची बसी है, फिर भी अगर कोई उन्हें असहिष्णु या आतंकी कहता है तो उसे मानसिक चिकित्सक की आवश्यकता है। (ये लेखक के निजी विचार हैं)  

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