मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश की अदालत ने 2013 मुजफ्फरनगर दंगों की शुरुआत से पहले हुई दो युवकों की हत्या करने के मामले में सात लोगों को दोषी करार दे दिया है. इनमें से एक आरोपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुआ था. बताया जा रहा है कि 2013 में इन्हीं दोनों युवकों की हत्या के बाद मुजफ्फरनगर में दंगे भड़क गए थे. कवाल गांव में भड़के इन दंगों में 60 लोगों की मौत हो गई थी.
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अदालत ने बुधवार को सात लोगों को गौरव और सचिन की हत्या का दोषी पाया है. जिले के सरकारी वकील राजीव शर्मा ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया है कि अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश ने 27 अगस्त, 2013 को युवकों की हत्या और दंगों के मामले में मुजम्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, नदीम, जनांगिर, अफजल और इकबाल को दोषी पाया है. सरकारी वकील अंजुम खान के अनुसार, बुलंदशहर जेल में बंद मुजम्मिल वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुआ था. पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाने की वजह से मुजम्मिल को अदालत नहीं लाया जा सका. अदालत इन सभी को शुक्रवार को सजा सुनाएगी.
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उल्लेखनीय है कि लगभग साढ़े पांच साल पहले 27 अगस्त 2013 को जानसठ कोतवाली इलाके के गांव कवाल में यह दोहरा हत्याकांड हुआ था, जिसके बाद मुजफ्फरनगर के शामली में दंगे भड़क गए थे. इसमें 60 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए थे.
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