भयानक हादसा: मरते दम तक भी नहीं छूटा दोस्ती का साथ, दो परिवारों के बुझ गए चिराग
भयानक हादसा: मरते दम तक भी नहीं छूटा दोस्ती का साथ, दो परिवारों के बुझ गए चिराग
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लखनऊ: हाल ही में पीलीभीत में असम हाईवे पर हुए हादसे में 5 लोगों की मौत से हर कोई हैरान है. हादसे के बाद दोनों परिवारों में मातमी सन्नाटा है. दोनों परिवारों के मुखिया की जान चली गई. इनके अलावा तीन बच्चे भी काल के गाल में समा गए. पांच घायलों में ज्यादातर की हालत नाजुक है. हादसे में मरने वाले अश्वनी और अमित के परिवार वाले आपस में गहरे दोस्त थे. जीवन भर तो दोनों ने दोस्ती निभाई ही, मरते दम तक भी साथ रहे.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहनोई के भतीजे की शादी का निमंत्रण अमित ने अपने दोस्त अश्वनी को भी दिया था. दोनों के पारिवारिक संबंध मधुर थे, इसलिए दोनों के परिवार एक ही कार से शादी में पीलीभीत आए थे. हंसी-खुशी वापस आ रहे थे कि रास्ते में हादसा हो गया और दोनों दोस्त समेत पांच की जान चली गई. कार अश्वनी की थी और वही चला रहे थे. अश्वनी की पूरनपुर में जूनियर हाईस्कूल रोड पर मोबाइल फोन की दुकान है. अमित कपड़े की दुकान पर नौकरी करते थे. दोनों परिवारों की कच्ची गृहस्थी है. जंहा हादसे के बाद पहुंचे पुलिस कर्मी भी क्षतिग्रस्त कार में फंसे घायलों को निकालने में लाचार नजर आए, क्योंकि कार की हालत ही ऐसी थी. एक घंटे बाद जब क्रेन पहुंची तो उससे कार खाई से बाहर निकाली गई और शीशे तोड़कर किसी तरह उनमें से घायलों को निकाला जा सका. घायलों को कार से बाहर निकालने-निकालने में एक घंटा लगा.

वहीं मिली जानकारी के मुताबिक हम आपको बता दें कि ऐसे में संसाधनों की जरूरत समझते हुए अफसरों को घटना की जानकारी दी. इस पर एसपी अभिषेक दीक्षित, सीओ सिटी धर्म सिंह मार्छाल समेत कई अफसर मौके पर आ गए. तब कहीं जाकर पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. क्रेन बुलाई गई. एक हिस्सा क्रेन और दूसरा ट्रक में फंसाकर कार को खींचा गया. पुलिस ने कार के पीछे का शीशा तोड़कर घायलों को किसी तरह बाहर निकाला. फंसे लोगों को बमुश्किल बाहर निकालने में एक घंटे का समय लग गया. घायलों को तत्काल इलाज के लिए वाहनों की व्यवस्था कर जिला अस्पताल भेजा गया. अस्पताल में डॉक्टरों की टीम को पहले से ही अलर्ट रखा गया. 

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