पणजी : गोवा में हुए मोनिका घुरडे हत्याकांड प्रकरण में एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल पुलिस ने इस मामले में कहा कि राजकुमार सिंह ने मोनिका के साथ बर्बर व्यवहार किया था। दरअसल उसके पहले उसने बिस्तर से बांध दिया था। इसके बाद मोनिका को जबरन पोर्न मूवी दिखाई थी। इसके बाद उसने मोनिका का रेप कर दिया था और उसकी हत्या भी कर दी थी। गौरतलब है कि मोनिका घुरडे का शव उनके घर से बरामद हुआ था।
संदिग्ध हालत में मिलने वाले शव को लेकर जांच की गई। मगर हत्याकांड को लेकर हर दिन कोई नई जानकारी सामने आ रही थी। जिसमें यह कहा गया था कि मोनिका जिस सोसाईटी में रहती थी आरोपी राजकुमार वहां गार्ड था। दरअसल राजकुमार को मोनिका ने चोरी के आरोप में नौकरी से निकलवाया था। राजकुमार ने उससे इसी बात का बदला लिया था।
घटना के बाद राजकुमार ने मोनिका के घर से एटीएम चुरा लिया था और उसमें से दो बार पैसे भी निकाले थे। जिसके बाद राजकुमार को पकड़ लिया गया था। दरअसल पुलिस ने इस मामले में जांच की और कहा कि बेंगलुरू के एटीएम से पैसे निकले थे। बाद में जानकारी मिली कि पैसे राजकुमार ने निकाले थे। पुलिस ने इस मामले में दावा किया और कहा कि आरोपी ने हत्या की बात को स्वीकार कर लिया है। दरअसल इस हत्या के कारण मामले में सनसनी फैल गई। मोनिका का शव उनके घर में पाया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार मोनिका का शव काफी बुरी हालत में मिला था। मोनिका के शव पर वस्त्र नहीं थे तो उनके हाथ और पैर बिस्तर से बंधे हुए थे। आरोपी घटना के बाद फरार हो गया था। दरअसल मोनिका एक फोटोग्राफर और परफ्यूम विशेषज्ञ थी। उनकी उम्र 39 वर्ष थी। उन्होंने तमिलनाडु के फोटोग्राफर भरत रामरूतम से विवाह किया था। मगर बाद में वह पति से अलग हो गईं और फिर पणजी के पास पोरवोरिम क्षेत्र में रहने लगीं, लेकिन इसके बाद वे सानगोल्डा में रहने लगीं।
घटना के बाद मोनिका के घर में घर में उनका हाथ बंटाने वाली सहायिका आई और उसने दरवाजा खटखटाया तो दरवाजा नहीं खुला बार बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने मोनिका के भाई आनंद को फोन किया जो कि मुंबई में रहता है। तब आनंद ने अमेरिकी महिला को मोनिका के दरवाजा न खोलने की जानकारी दी।
यह महिला मोनिका के पड़ोस में ही रहती थी। इसके पास मोनिका के घर की दूसरी चाभी थी। जब इस चाभी से दरवाजा खोला गया और सभी अंदर पहुंचे तो मोनिका का शव देखकर दंग रह गए। इस मामले में पुलिस को सूचना दी गई। आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोपी पर प्रकरण दर्ज करवाया।