मुंबई: काफ़ी समय पहले से महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर चल रही खींचतान के बाद अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बड़ी राहत मिली है. वहीं उनके खिलाफ सिंचाई घोटाला मामले को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है. जंहा यह बताया जा रहा है कि इस घोटाले में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है.
मिली जानकारी के अनुसार हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले मामलों की सूची में कोई भी मामला महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ कथित रूप से सिंचाई भ्रष्टाचार के मामले से संबंधित नहीं है. वहीं ऐसा भी कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के सूत्रों का कहना है कि आज जो मामले बंद थे, वे सशर्त थे, यदि मामले में अधिक जानकारी प्रकाश में आती है या कोर्ट आगे की जांच का आदेश देती हैं तो उनपर आगे कार्रवाई की जानी चाहिए.
कौन हैं अजित पवार, जो अपने चाचा के नक्शेकदम पर चलते बने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री: सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अजित पवार का जन्म 22 जुलाई, 1959 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में उनके दादा-दादी के यहां हुआ. अजित पवार एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं. उनके पिता वी शांताराम के राजकमल स्टूडियो में काम करते थे. अजीत पवार अपने चाचा के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में आए. जंहा राजनीति में वह एक राजनेता से आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने. वह अपने चाहने वालों और जनता के बीच दादा (बड़े भाई) के रूप में लोकप्रिय हैं. अजित पवार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देओली प्रवर से की और उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड से की. पवार ने केवल माध्यमिक विद्यालय स्तर तक ही पढ़ाई की.
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