नई दिल्ली : जाट आरक्षण आंदोलन का असर दिल्ली में नज़र आने लगा है। जहां मुनक नहर से पानी की सप्लाय को आंदोलनकारियों को प्रभावित किया गया था वहीं अब इस मामले में राजनेता धरने और प्रदर्शन करने पर निकल पड़े हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज दिल्ली के जंतर-मंतर में भूख हड़ताल प्रारंभ कर दी। उनका कहना था कि राज्य में शांति का संदेश देने के लिए वे अनशन पर हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वे तो रोहतक में अनशन करना चाहते थे लेकिन आंदोलनों की गर्माहट को देखते हुए उन्होंने स्थान बदलते हुए इसे दिल्ली में आयोजित करने की बात कही। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वे राजनीति में पड़ना नहीं चाहते हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता शांति स्थापित करने की है।
दरअसल वे आंदोलन से उपजी अराजक स्थिति को समाप्त करने को लेकर अनशन दे रहे हैं। उनका कहना था कि राज्य में आंदोलन से व्यवस्थाऐं प्रभावित हो रही हैं। सड़कों पर जाम लगे तो यात्री ट्रेनें प्रभावित होने से परेशान रहे यही नहीं गोलीबारी और आगजनी हो जाने से असुरक्षा का माहौल भी लोगों के बीच रहा। हुड्डा ने अनशन के माध्यम से इस तरह की बातों को रोकने की अपील की।