भोपाल: मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट लोकसभा चुनाव 2019 में राज्य ही नहीं देश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बनकर सामने आई है. जिसकी सबसे बड़ी वजह है यहां के प्रत्याशी. भोपाल लोकसभा सीट से जहां कांग्रेस ने सूबे के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को टिकट दिया है तो वहीं भाजपा ने काफी उपापोह के बाद मालेगांव धमाके की आरोपित साध्वी प्रज्ञा को चुनावी मैदान में उतारकर राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है.
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वहीं एक के बाद एक साध्वी प्रज्ञा के आपत्तिजनक बयानों के कारण भोपाल लोकसभा सीट चर्चा का विषय बन गई है. उल्लेखनीय है कि भोपाल लोकसभा सीट पर गत 30 सालों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ही राज है, ऐसे में इस बार हिंदुत्व का चेहरा मानी जा रही साध्वी प्रज्ञा को टिकट देने का भाजपा का फैसला क्या रंग लाता है, यह तो 23 मई के नतीजों के बाद ही पता चलेगा.
भोपाल का इतिहास
11वीं शताब्दी में परमार राजा भोज ने भोपाल शहर की स्थापना की थी, जिसके कारण कभी इसकी पहचान 'भोजपाल' के तौर पर होती थी. इस दौरान भोजपाल की राजधानी धार होता था, किन्तु अब यह एक जिले के रूप में जाना जाता है और तब का भोजपाल अब भोपाल बन चुका है और मध्य प्रदेश की राजधानी के बन गया है. नवाबों के शहर और झीलों की नगरी के नाम से विख्यात भोपाल में गौहर महल से लेकर ताल उल मस्जिद और मोती मस्जिद यहां की विरासत और संस्कृति के बेहतरीन नमूने मौजूद हैं.
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