भोपाल गैस पीड़ितों में प्रधानमंत्री के प्रति रोष
भोपाल गैस पीड़ितों में प्रधानमंत्री के प्रति रोष
Share:

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वर्ष 1984 में यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी जहरीली गैस से 25 हजार लोगों की मौत और बीमारियों से ग्रस्त जीवित बचे लोगों में प्रधानमंत्री के प्रति बेहद गुस्सा है। पीड़ितों के संगठनों ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन बुलाकर अपने गुस्से का इजहार किया। गैस पीड़ितों का आरोप है कि हजारों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार अमेरिकी कंपनी डाओ केमिकल्स भारतीय कानून को नहीं मान रहा है। कंपनी के खिलाफ चल रहे मुकदमे में कंपनी का कोई प्रतिनिधि सुनवाई की तारीख पर अदालत में हाजिर नहीं हो रहा है। इस कारण न्याय मिलने की उनकी आस टूट रही है। गैस पीड़ितों का कहना है कि इसी वर्ष सितंबर में अमेरिका गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डाओ केमिकल्स को भारतीय कानून मानने के लिए मजबूर करने के बजाय कंपनी के सीईओ एन्ड्रू लिवरिस को अमेरिका में भव्य भोज दिया था और उनके साथ फोटो खिंचवाया था।

अदालत के नोटिसों की लगातार अवहेलना और डाओ के सीईओ के साथ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरों ने गैस पीड़ितों का गुस्सा बढ़ा दिया है। गैस पीड़ितों के पांच संगठनों के नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में डाओ केमिकल द्वारा भोपाल जिला अदालत के नोटिस की लगातार अवेहलना किए जाने और डाओ केमिकल्स के सीईओ के साथ प्रधानमंत्री मोदी तस्वीरों पर सवाल उठाया। भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की रशीदा बी ने कहा कि गैसकांड की वजह से 25 हजार लोग मारे गए और पांच लाख लोग घायल हुए, मगर इसके लिए जिम्मेदार कंपनी पिछले 23 वर्षो से अदालत के नोटिसों को नजरअंदाज कर रही है। डाओ केमिकल्स को न्याय के कठघरे में लाने के लिए न तो केंद्र सरकार और न ही प्रदेश सरकार कोई पहल कर रही है। रशीदा ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी से गैस पीड़ितों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन आरोपी के साथ फोटो खिंचवाकर उन्होंने हमारे जले पर नमक छिड़क दिया है।

भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि भोपाल जिला अदालत आपराधिक प्रकरण में यूनियन कार्बाइड को हाजिर कराने को लेकर डाओ केमिकल्स को दो बार नोटिस भेज चुकी है, मगर कोई नहीं आया। दूसरी ओर, ट्विटर हैंडल पर उपलब्ध फोटो में लिवरिस प्रधानमंत्री मोदी के साथ पहली कतार में बैठे मुस्कराते दिखते हैं। यह मेक इन इंडिया के तहत हिन्दुस्तान में भोपाल गैसकांड जैसे और हादसे करने के लिए आमंत्रण नहीं तो और क्या है। भोपाल गैस पीड़ित महिला-पुरुष संघर्ष मोर्चा के नवाब खान ने कहा, डाओ केमिकल एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, भारतीय न्याय व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए इस देश से करोड़ों रुपये मुनाफा कमा रही है और हमारे प्रधानमंत्री लिवरिस से गुहार कर रहे हैं कि वह भारत में और पूंजी निवेश करे। यह भोपालवासियों का अपमान है।

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन के सतीनाथ षडंगी ने बताया कि जिला अदालत द्वारा डाओ केमिकल्य के खिलाफ जारी नोटिस अभियोजन (सीबीआई) की वजह से नहीं, बल्कि उनके संगठन के प्रयास की वजह से जारी हुआ है। शनिवार को पता चलेगा कि सीबीआई तीसरी बार भी डाओ केमिकल्स की अवहेलना को लाचारी से देखती रहेगी या इस अपराधी कंपनी के खिलाफ कोई कारगर कदम उठाएगी। डाओ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे नामक संगठन की साफरीन खान को प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीद है कि वह पीड़ितों का दर्द समझेंगे और अपराधी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीबीआई को निर्देश देंगे।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -