भोपाल गैस कांड: किसके कहने पर देश से भगाया गया था 15 हज़ार लोगों का 'हत्यारा' वारेन एंडरसन
भोपाल गैस कांड: किसके कहने पर देश से भगाया गया था 15 हज़ार लोगों का 'हत्यारा' वारेन एंडरसन
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भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2-3 दिसंबर 1984 यानी आज से 37 वर्ष पूर्व बेहद खौफनाक हादसा हुआ था. इतिहास में जिसे भोपाल गैस कांड, भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है. ठीक 36 वर्ष पूर्व भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी की फैक्ट्री से एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ, जिससे तक़रीबन 15000 से अधिक लोगो की तड़प-तड़पकर मौत हो गई. साथ ही हज़ारों लोग शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए, जो आज भी त्रासदी की मार झेल रहे हैं, मगर क्या आप जानते हैं कि इस घटना का मुख्य आरोपी कौन था, जिसके कभी भारत नहीं लाया जा सका.

भोपाल गैस त्रासदी की 37वीं बरसी पर एक बार फिर देशवासियों के जेहन में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के मालिक वारेन एंडरसन की यादें ताजा कर दी हैं. एंडरसन को अमेरिका से भारत लाए जाने की मांग को लेकर भी कोर्ट में भी केस चले. मगर, कोई भी सरकार एंडरसन को भारत लाने में सफल नहीं हुई. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की जहरीली गैस से हुई मौतों के मामलों और बरती गई लापरवाहियों के लिए कारखाने के मालिक वारेन एंडरसन को मुख्य आरोपी बनाया गया था. वारेन एंडरसन को भारतीय दंड विधान (IPC) की ऐसी गंभीर धाराओं के तहत अरेस्ट तो कर लिया गया था, जिन पर अदालत की अनुमति के बगैर जमानत भी नहीं मिल सकती थी, किन्तु केवल चार-पांच घंटे के अंदर एंडरसन को जमानत मिल गई. 

जमानत मिलने के बाद एंडरसन देश छोड़कर फरार हो गया. इसके बाद इनके एंडरसन के खिलाफ कोर्ट में केस चलता रहा, अमेरिका से उनके प्रत्यर्पण की कथित कोशिशें भी की जाती रहीं, किन्तु ऐसा नहीं हो सका. तीन वर्षों तक मामले की छानबीन करने के बाद CBI ने वारेन एंडरसन समेत यूनियन कार्बाइड के 11 अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया था. एंडरसन 1986 में यूनियन कार्बाइड के सर्वोच्च पद से सेवानिवृत्त हुआ और 92 साल की आयु में 29 सितंबर 2014 को अमेरिका के फ्लोरिडा में उसकी मौत हो गई. 

भोपाल गैस कांड के दौरान शहर के कलेक्टर रहे मोती सिंह ने अपनी पुस्तक 'भोपाल गैस त्रासदी का सच' में उस सच का भी जिक्र किया है, जिसके कारण वारेन एंडरसन को भोपाल से जमानत देकर भगा दिया गया. मोती सिंह ने अपनी किताब में पूरे घटनाक्रम का जिक्र करते हुए लिखा कि 'वारेन एंडरसन को राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के आदेश पर छोड़ा गया था. वारेन एंडरसन के खिलाफ पहली प्राथमिकी गैर जमानती धाराओं में दर्ज की गई थी. इसके बाद भी उन्हें जमानत देकर रिहा कर दिया गया.' आरोप लगे और चर्चा भी रही कि गैस कांड के मुख्य आरोपी को तत्कालीन पीएम राजीव गांधी के कहने पर राज्य के तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह ने देश से भगाया था. कोर्ट में आरोपी को भगाने की साजिश का कोई केस तो नहीं चला, किन्तु जिन धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किए गए वह यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि सरकार का नजरिया हजारों मौतों के बाद संवेदनशील नहीं था.

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