भोजपुरी गीतों के देश मे कद्रदान काफी हैं, फिर भी बढ़ती अश्लीलता इन गीतों में शुभ संकेत नहीं है. भारतीय संस्कृति के लिहाज से यह बड़ी खतरा बात है. विदेश में भोजपुरी गीतों की लोकप्रियता अश्लीलता की वजह से ही घटती जा रही है. देश के बाहर जहां भजन पसंद किया जा रहा है. बुधवार को ये बातें प्रसिद्ध भजन गायिका तृप्ति शाक्या मीडिया से बातचीत मे कही है. भोजपुरी फिल्म और एल्बम के गीतो मे बहुत अश्लीता देखने को मिल रही है.
भोजपुरी गीतों में अश्लीलता खास तौर पर युवा पीढ़ी की पसंद को देखते हुए बढ़ रही ही ऐसा शाक्या का मानना है. जो समाज के लिए घातक है. जिस पर अंकुश लगाने की जरूरी है. भोजपुरी गीत सुनने वालों की संख्या अश्लीलता के कारण ही विदेश में घट रही है. तृप्ति का जन्म इटवा में हुआ है वही प्रयागराज में शिक्षा ग्रहण करने वाली शास्त्रीय गायन में प्रभाकर की डिग्री प्राप्त कर रखी हैं.
देश के कई विख्यात व्यक्ति सुश्री गीता बनर्जी, पंडित विद्याधर मिश्र, पंडित श्याम लाल, एसके घोष से शिक्षा ली. गायन में उनकी रुचि 10 वर्ष की छोटी उम्र से ही थी. लता मंगेशकर व आशा भोंसले को वह अपना आदर्श मानती हैं.वर्तमान मे देश मे सोशल नेटवर्किग साइट पर कही न कही ऐसे भोजपुरी गीत नजर आ जाते है जिनमे बहुत ही घटिया शब्दो का प्रयोग किया जाता है वही बालीवुड मे भी इस प्रकार के गीत डबल मिनिग के साथ पेश किये जाते है.
अक्षरा सिंह के हिजाब लुक ने सोशल मीडिया पर दर्शको का लुटा दिल
भोजपुरी फिल्म चोर पुलिस का ट्रेलर मचा रहा धमाल
बीजेपी मे जाते ही निरहुआ की जान पर मंडराये संकट के बादल, मिली वाई प्लस सुरक्षा