भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में आज एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की याचिका पर सुनवाई हुई. एक्टिविस्ट गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आत्मसमर्पण के लिए और समय मांगा है. उनके वकील ने SC को बताया कि दोनों की उम्र 65 वर्ष से अधिक है और उन्हें दिल की बीमारी है. वकील ने कहा कि कोरोना वायरस के समय जेल जाना वास्तव में मौत की सजा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया और कहा कि यह केवल और ज्यादा समय लेने का एक तरीका है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अपना आदेश फिलहाल सुरक्षित रख लिया है.
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इससे पहले 18 मार्च को महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को 4 अप्रैल को आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा है. आयोग उन कारणों की पूछताछ कर रहा है जिसके कारण महाराष्ट्र में 2018 में भीमा कोरेगांव हिंसा हुई थी.वही, अभी कुछ दिन पहले ही भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के बाद शिवसेना और एनसीपी के बीच खींचतान बढ़ गयी थी. जिसे लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के निर्णय पर नाखुशी जतायी थी और पार्टी के सभी 16 मंत्रियों की बैठक भी बुलाई थी. ज्ञात हो कि एल्गार परिषद की जांच का कार्य भी एनआइए को ही सौंपा गया है.
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