COVID-19 केवल किसी सतह को छूने अथवा संक्रमित मरीज के कांटेक्ट में आने से ही नहीं, बल्कि हवा के माध्यम से भी फैल सकता है। WHO ने अब इस बात पर मुहर लगा दी है। हालांकि, who अब तक हवा के माध्यम से संक्रमण की बात को नकारता आया है, पर कुछ परीक्षण के परिणामो ने उसकी राय परिवर्तित कर दी है। Who का मानना है कि भीड़भाड़ तथा हवा के कम बहाव वाली भीतर के स्थानों पर COVID-19 के हवा के माध्यम से फैलाने का संदेह खारिज नहीं किया जा सकता।
वही वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा के माध्यम से संक्रमण अब अधिक फैल रहा है। इस सुपर स्प्रेडर फैलाव कहा जाता है। ऐसे केसों में संक्रमित शख्स एक बार में ही कई और लोगों को संक्रमित कर देता है। आवश्यक नहीं है कि यह संक्रमण मुंह या नाक के माध्यम से ही फैले। वायरस अन्य माध्यमों से भी बॉडी में प्रवेश कर सकता है।
सिगरेट के धुएं की भांति फैलता है वायरस:
वैज्ञानिकों ने छोटे कणों पर फोकस किया, जो सिगरेट के धुएं की भांति हवा में फैलते हैं।
यह कण हवा द्वारा ले जाए जाते हैं तथा बॉडी की गर्मी से ऊपर की तरफ उठते हैं।
इसके अतिरिक्त यह कण हवा में कुछ मिनट से लेकर कई घंटों तक रह सकते हैं।
वही इन कणों को एयरोसोल कहा जाता है तथा यह 6 फीट की दूरी तक फैल सकते हैं।
इसीलिए प्रोटोकॉल के प्रकार एक-दूसरे के मध्य दूरी रखने को कहा जाता है।
वही भारत में कई केस इस प्रकार के सामने आए जिसमें पीड़ित मरीज को घर में रहते COVID-19 हो गया। अतः आवश्यक है हम अपनी उचित रूप से सुरक्षा करे।
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