तेजी से कम करना चाहते हैं वजन तो खाएं ये 3 तरह के ब्रेड्स
तेजी से कम करना चाहते हैं वजन तो खाएं ये 3 तरह के ब्रेड्स
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नाश्ते में आप प्रत्येक दिन व्हाइट ब्रेड खाते होंगे, हालाँकि आपको शायद ना पता हो लेकिन व्हाइट ब्रेड सेहत के लिए उतना हेल्दी नहीं होता। जी हाँ और खासकर, उन लोगों के लिए जो लोग अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं। कई लोग वजन कम करने के लिए ब्रेड खाते हैं, हालाँकि ब्रेड खाने से वजन बढ़ सकता है। फिलहाल हम आपको ऐसे तीन तरह के ब्रेड के बारे में बताने जा रहे हैं जो हेल्दी, टेस्टी होने के साथ ही तेजी से वजन कम करने में भी मदद करते हैं। आइए जानते हैं।


होल व्हीट ब्रेड करे वेट लॉस में मदद- इसे होल व्हीट ब्रेड या फिर ब्राउन ब्रेड भी कहा जाता है। इस ब्रेड को गेहूं से तैयार किया जाता है, जो मैदे वाली सफेद ब्रेड की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है। जी हाँ और मैदे वाले ब्रेड में पोषक तत्व की मात्रा होल व्हीट ब्रेड की तुलना में काफी कम होती है। होल व्हीट ब्रेड दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है। जी हाँ और टाइप-2 डायबिटीज के होने के जोखिम को कम करता है। इस ब्रेड में चोकर, जर्म सभी मौजूद होते हैं, इसलिए ये सफेद या मैदे से बने ब्रेड से काफी हेल्दी होता है। आपको बता दें कि होल व्हीट ब्रेड में फाइबर भी अधिक होता है, जो पेट को देर तक भरे होने का अहसास कराता है, इस तरह से आप जल्दी-जल्दी खाने से बच जाते हैं।

होल ग्रेन ब्रेड- होल ग्रेन ब्रेड पूरी तरह से साबुत अनाज से बनी होती है, जिससे यह और भी अधिक पौष्टिक तत्वों से भरपूर हो जाता है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। आपको बता दें कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स से पता चलता है कि भोजन करने के बाद ब्लड शुगर कितनी तेजी से बढ़ता है। वहीं साबुत अनाज की ब्रेड में राई, जौ, जई, क्विनोआ, अमरंथ, बाजरा आदि शामिल होते हैं और इन अनाजों से बनी ब्रेड ना सिर्फ स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, बल्कि विटामिन, फाइबर, प्रोटीन, मिनरल्स आदि से भरपूर होते हैं। अगर आप सफेद ब्रेड खाते हैं, तो इसे खाना छोड़ दें और होल ग्रेन ब्रेड का सेवन करें, क्योंकि ये वजन घटाने के लिए बेहतर विकल्प है। इस तरह के ब्रेड में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो आंतों को भी स्वस्थ रखती है। 

खमीरी ब्रेड- इस ब्रेड को पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है। जी दरअसल इसको पानी और आटे को धीरे-धीरे फर्मेंट करके बनाई जाती है। फर्मेंटेशन प्रक्रिया आटे में मौजूद कुछ स्टार्च को तोड़ देती है, जिससे ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो जाता है। इसी के साथ ही नेचुरल प्रोबायोटिक्स भी इसमें बढ़ जाता है। आपको बता दें कि इस तरह के ब्रेड के सेवन से आंत में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं और सूजन और एलर्जी होने की संभावनाओं को कम करते हैं। 

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