कोरोना के कम होते संक्रमण के बीच बंद हुआ सबसे बड़ा श्मशान घाट, जानिए क्यों?
कोरोना के कम होते संक्रमण के बीच बंद हुआ सबसे बड़ा श्मशान घाट, जानिए क्यों?
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कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच सामूहिक अंत्येष्टि के लिए खोला गया बेंगलुरु का सबसे बड़ा श्मशान, जिसमें तकरीबन 2 माहों में 1,708 व्यक्तियों की अंत्येष्टि की गई, अब बृहस्पतिवार को बंद कर दिया गया है, क्योंकि हाल के सप्ताहों में देशभर में कोरोना के मामले कम हो गए हैं, जिससे इस प्रकार की अस्थाई व्यवस्था की आवश्यकता समाप्त हो गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चार एकड़ की ये अस्थायी साइट 25 अप्रैल को खोली गई थी। 7 मई को यहां एक सामूहिक अंत्येष्टि में 84 व्यक्तियों का अंतिम संस्कार किया गया था।

अप्रैल-मई माह में कोरोना की दूसरी वेव के चलते देशभर में संक्रमण के केस तेजी से बढ़ना आरम्भ हुए थे, जिससे देश में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही थीं। देश में बढ़ती मौतों की संख्या के कारण श्मशान घाट पर तक वेटिंग प्राप्त हो रही थी। इसे देखते हुए चन्ननहल्ली ग्राम पंचायत के कुरुबरहल्ली गांव में कब्रगाह को एक सामूहिक दाह संस्कार पोर्टल में बदल दिया गया था, जहां पहले ही दिन, 25 अप्रैल को 16 कोरोना पीड़ितों का अंतिम संस्कार किया गया था।

वही श्मशान के प्रभारी एक अफसर ने कहा कि दूसरी लहर के चलते इसी प्रकार की खोली गईं तीन नई साइट्स में से कुरुबरहल्ली श्मशान सबसे बड़ा था, जहां एक बार में 41 चिताएं जलाई जा सकती थीं। यहां BBMP के 30 से अधिक संविदा कर्मचारियों को तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि जैसे ही जून में बेंगलुरु में कोरोना के केस घटना आरम्भ हुए, तब कुछ ही लाशों को श्मशान घाट लाया गया। बुधवार को एक ही लाश थी। इन सब को ध्यान में रखते हुए, हमने इस अस्थायी पोर्टल को बंद करने का निर्णय किया।

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