Movie Review: दमदार अभिनय के साथ ही अपने दृश्यों व संवादों से चौंका देगी 'बेगम जान'
Movie Review: दमदार अभिनय के साथ ही अपने दृश्यों व संवादों से चौंका देगी 'बेगम जान'
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स्टार कास्ट---विद्या बालन , इला अरुण, गौहर खान ,
पल्लवी शारदा, सुमित निझावन,नसीरुद्दीन शाह,
राजेश शर्मा, विवेक मुश्रान, चंकी पांडे
डायरेक्टर---श्रीजीत मुखर्जी
प्रोड्यूसर---विशेष फिल्म्स
संगीत---अनु मलिक, खय्याम
जॉनर---पीरियड ड्रामा


कहानी:

विद्या बालन अभिनीत फिल्म 'बेगम जान' जिसकी कहानी कुछ इस प्रकार से है कि जब भारत देश ने स्वतंत्रता का बेला को देखा था. उस समय में भारत तथा पाकिस्तान एक देश थे. फिर बाद में जब भारत को पाकिस्तान से अलग होने के लिए एक रेडक्लिफ लाइन खींची गई थी तो उस दौरान उस समय भारत पाकिस्तान की सीमा पर बेगम जान जो के वेश्यालय चलाती थी तो उन्हें कहा गया कि, तुम इस वेश्यालय को छोड़कर चली जाओ. परन्तु फिर बाद में बेगम जान ने इस आदेश को मानने से मना कर दिया. इसके बाद कहानी में ट्वीट्स आया फिर कहानी में सरकारी तंत्र का दबाव और कई षड्यंत्रों को बहुत ही अच्छे से दिखाया जाता है. आपको बता दे कि बेगम जान की इस लड़ाई में उनका साथ देती है वेश्यालय की ही 10 और 2 पुरुष. तथा इन 12 लोगो की इस साहसिक कहानी को काफी अच्छे से दिखाया गया है. जिसको देखने के लिए आपको फिल्म देखने थियेटर तक जाना ही होगा.      

फिल्म का निर्देशन: 

बात करे अगर हम फिल्म के निर्देशन के बारे में तो जनाब फिल्म का डायरेक्शन काफी अच्छा रहा है. साथ ही सिनेमैटोग्राफी, ड्रोन कैमरे से लिए हुए शॉट्स, डायलॉग्स भी कमाल रहे है. फिल्म में जबरदस्त गोलीबारी के साथ-साथ आग के सीन भी बखूबी रूप से दिखाए गए है. 
 
अभिनय:

अब बात करते है फिल्म में अभिनय के बारे में तो फिल्म की कास्टिंग काफी शानदार रही है. फिल्म में अभिनेता विवेक मुश्रान, चंकी पांडे, राजेश शर्मा, रजित कपूर, आशीष विद्यार्थी, पल्लवी शारदा, इला अरुण जैसे कलाकारों का काम काफी सहज है. वही, पितोबाश त्रिपाठी और गौहर खान आपको सरप्राइज भी करते हैं. सुमित निझावन और विवेक मुश्रान का काम भी काफी सराहनीय है. बेगम जान का किरदार विद्या बालन ने बेहतरीन तरीके से निभाया है.

संगीत:

फिल्म का म्यूजिक अच्छा है, आशा भोसले का गाया प्रेम में तोहरे..., अरिजीत सिंह और श्रेया घोषाल का गाना सुबह... कहानी के साथ-साथ चलता है. बाकी गाने फिल्म की रफ्तार को कमजोर बनाते हैं. फिल्म में बाबुल मोरा नैहर.. नाम का लोकगीत भी बढ़िया लगता है.

देखें या नहीं?

यह फिल्म पूरे परिवार के साथ और खासतौर पर घर की महिला सदस्यों को देखनी ही चाहिए. ये अलग तरह का सिनेमा है, जो आंखें खोलने का काम भी करता है.

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