नई दिल्ली : पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के लिए आतंकी पूरी तैयारी के साथ आए थे। फिल्म आँखे (2002) और हैप्पी न्यू ईयर (2015) की तरह फिल्मी सीन की तरह उन्होने इस हमले की पूरी प्रक्टिस की थी। उन्होने पाकिस्तान के एयरबेस पर इस हमले के लिए मॉक ड्रिल भी की थी। हमले से पहले हुए इस पूर्वाभ्यास की बात से यह साफ होता है कि इसमें आईएसआई और पाक मिलिट्री की संलिप्तता है।
पठानकोट हमले में मारे गए 6 आतंकियों ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस में हमले की ट्रेनिंग ली थी। इन आतंकियों को एक या दो बार नही बल्कि पूरे 4 बार मॉक ड्रिल की प्रैक्टिस कराई गई थी। इतना ही नहा उन्हें इस बात की भी ट्रेनिंग दी गई थी कि कैसे उन्हें पठानकोट में चेकिंग प्वाइंटस पार करने है। साथ ही हथियार चलने से लेकर हाथों से लड़ने तक सब कुछ सीखाया गया था।
उन्हें सख्त हिदायत दी गई थी कि किसी भी हाल में वो गिरफ्तार न हो और अगर उन्हें लगे कि वो गिरफ्तार होने वाले है तो वो खुद को बम से उड़ ले। खुफिया सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से उन्होने एयरबेस पर हमला किया उससे प्रतीत होता है कि उन्हें एयरबेस की अच्छी तरह से जानकारी थी। हमले के दौरान वो बिना थके और बीमार हुए लड़ते रहे इसके लिए उनके पास टैबलेट्स भी थे, जिसे वो समय-समय पर खा रहे थे।
आतंकियों ने एके-47 राइफल्स के इम्प्रोवाइज्ड वर्जन यूबीएल (अंडर बैरेल गन) का इस्तेमाल किया जो कि मोर्टार लॉन्चर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाले तीन पाकिस्तानी ट्रेनरों की भी पहचान हो चुकी है। आतंकी पाक में बनाए गए एंटी कफ और पेनकिलर्स खा रहे थे। आतंकियों के शरीर से दवाइयां मिली है। जो पाकिस्तान की है, क्यों कि भारत में ये दवाइयां नही बनाई जाती है।