सौंदर्यीकरण के अलावा सेहत और त्‍वचा के लिए फायदेमंद है अमलतास
सौंदर्यीकरण के अलावा सेहत और त्‍वचा के लिए फायदेमंद है अमलतास
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अमलतास के पेड़ शहरों में उद्यानों और सड़कों के सुंदरता बढ़ाते है और साथ में अमलतास के पेड़ के सभी अंग जैसे छाल, फल और पत्तियों का इस्‍तेमाल प्राचीन काल से ही औषधि के रूप में किया जा रहा है। आइये जानते है अमलतास से होने वाले कुछ फायदे. . .

  • औषधीय गुणों से भरपूर पेड़- शहरों में उद्यानों और सड़कों के सौंदर्यीकरण के लिए लगाए जाने वाले इस पेड़ के सभी अंगों जैसे छाल, फल और पत्तियों का उपयोग प्राचीन काल से ही औषधि के रूप में किया जा रहा है। इस पेड़ एक दूसरा नाम रोगों का हत्‍यारा भी है। अमलतास को बहुमूल्य औषध के रूप में प्रयोग किये जाता है।

 

  • प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दें- अमलतास के पेड़ के फल और छाल एंटीऑक्‍सीडेंट गुणों से भरपूर होते है। इसलिए इसके सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

 

  • त्वचा संबंधी विकार दूर करें- अमलतास के पेड़ की पत्तियां त्वचा में जलन, सूजन और दर्द से प्रभावी ढंग से राहत प्रदान करने में मदद करती हैं। अमलतास की पत्तियों को छाछ के साथ कुचलकर त्वचा पर लगाया जाए तो त्वचा संबंधित अनेक समस्याओं में आराम मिल जाता है। दाद खाज खुजली होने पर अमलतास की फल्लियों के गूदे और नीम की पत्तियों को साथ में पीसकर संक्रमित त्वचा पर इसे लगाने से फायदा होता है।

 

  • सर्दी जुकाम में लाभकारी- अमलतास आम सर्दी जुकाम के उपचार में कारगर होता है। जलती अमलतास जड़ का धुआं बहती नाक का इलाज करने में सहायक होता है। यह धुआं बहती नाक को उत्‍तेजित करने के लिए जाना जाता है, और तुरंत राहत प्रदान करता है।

 

  • कब्ज दूर करें- अमलतास के पेड़ से प्राप्‍त गूदे को एक प्रभावी रेचक के रूप में जाना जाता है। अमलतास के ताजे गूदे को अपचन से परेशान व्यक्ति को दिया जाए तो आराम मिलता है। 50 ग्राम अमलतास के गूदे को पूरी रात पानी में भिगोकर रख दें फिर इसमें 25 ग्राम शुगर मिलाकर मिश्रण बना लें और कब्‍ज के इलाज के लिए इसका इस्‍तेमाल करें। अमलतास का गूदा हल्का और हानिरहित रेचक है। इस गूदे को कच्चे जीरे के साथ मिलाकर खिलाना भी काफी असरकारक होता है।

 

  • पेट के रोगों में लाभकारी- बच्‍चों को अक्‍सर पेट में गैस, दर्द और पेट फूलना जैसी समस्‍याएं होती है। इन समस्‍याओं के होने पर अमलतास के गूदे को नाभि के आस-पास के हिस्‍से में लगाने फायदा होता है। यह प्रयोग नियमित रूप से करने से स्‍थायी रूप से फायदा होता है। इसके अलावा गूदे को बादाम या अलसी के तेल के साथ मिलाकर लेने से मल त्‍याग की समस्‍याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

 

  • बुखार कम करें- अमलतास बुखार के इलाज में मदद करने के लिए भी उपयोग किया जाता हैं। अमलतास के पेड़ की जड़ व्यापक रूप से इस्तेमाल टॉनिक के रूप में जानी जाता है जो बुखार को कम करने में मदद करती है। बुखार होने पर अमलतास के गूदे की 3 ग्राम मात्रा दिन में तीन बार 6 दिनों तक लगातार लेने से बुखार में आराम मिलने के साथ-साथ बुखार के साथ होने वाले बदन दर्द में भी राहत मिलती है।

 

  • घावों को भरें- अमलतास घावों को बहुत तेजी से भरता है। अमलतास जड़ी बूटी ऊतक पुनर्जनन को बढ़ावा देती है और पत्तियों से निकाले गए रस संक्रमित त्वचा क्षेत्रों ड्रेसिंग के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इसकी छाल के काढ़े का प्रयोग घावों को धोने के लिए किया जाता है। इससे संक्रमण नहीं होता है।
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