'जिहादी दुल्हन' के काम नहीं आई BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री, ब्रिटेन ने नागरिकता देने से किया इंकार
'जिहादी दुल्हन' के काम नहीं आई BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री, ब्रिटेन ने नागरिकता देने से किया इंकार
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लंदन: ‘जिहादी दुल्हन’ नाम से पूरे विश्व में कुख्यात ISIS आतंकी शमीमा बेगम को ब्रिटेन नागरिकता नहीं देगा। आतंकी शमीमा अदालत में इसका मुकदमा हार गई है। ईराक-सीरिया में अत्याचारों के दौरान विश्व के सबसे क्रूर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (ISIS) में शामिल होने के बाद ब्रिटेन ने उसकी नागरिकता छिन ली थी। बता दें कि, ब्रिटिश मीडिया एजेंसी BBC ने जिहादी दुल्हन शमीमा का महान महिला के रूप में पेश करते हुए एक प्रोपगेंडा डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, लेकिन वह भी उसे ब्रिटेन की नागरिकता नहीं दिलवा सकी। 

ISIS की तरफ से लड़ने के लिए ब्रिटेन छोड़कर भागने वाली शमीमा अब कभी ब्रिटेन में कदम नहीं रख सकेगी। शमीमा की अपील पर सुनवाई करने वाली ब्रिटेन की अदालत ने कहा कि वह यहाँ वापस आने के काबिल नहीं है। बता दें कि शमीमा बेगम 2015 में अपने दो स्कूली दोस्तों के साथ पूर्वी लंदन स्थित अपने घर से भागकर आतंकियों के पास सीरिया पहुंच गई थी। उस समय उसकी आयु महज 15 वर्ष थी। सीरिया में रहते हुए शमीमा ने एक ISIS आतंकी से निकाह कर लिया और कई वर्ष रक्का में बिताए। इस दौरान वह गर्भवती हुई और उसके दो बच्चे कुपोषण और बीमारी के चलते मर गए।

लगातार हमलों से ISIS के कमज़ोर पड़ने के बाद गर्भवती शमीमा 2019 में 39,000 लोगों के सीरियाई शरणार्थी शिविर अल-हवल में रहने लगी। यहाँ उसने ब्रिटेन से आग्रह किया कि उसे वापस आने दिया जाए, ताकि वह अपने बच्चे को जन्म दे सके और उसका पालन पोषण कर सके। उसी साल फरवरी में उसने अपने बेटे जर्राह को जन्म दिया, लेकिन बाद में उसने भी दम तोड़ दिया। शमीमा बेगम अभी 23 वर्ष की है और वह सीरिया की एक शरणार्थी शिविर में रह रही है। 

बता दें कि, हाल ही में लोगों में सहानुभूति पैदा करने के लिए BBC ने ‘जिहादी दुल्हन’ के नाम से शमीमा बेगम पर 90 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ की थी। इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से BBC ने शमीमा बेगम को हालातों की मारी और महान महिला के रूप में दिखाने की कोशिश की थी। डॉक्यूमेंट्री के पॉडकास्ट ‘आई एम नॉट ए मॉन्स्टर’ के 10 एपिसोड में जिहादी दुल्हन की ब्रिटेन से सीरिया तक की यात्रा के संबंध में बताया गया है। साथ ही उसके प्रति सहानुभूति पैदा करने का प्रयास किया गया।

BBC की इस डॉक्यूमेंट्री का ब्रिटेन में ही भारी विरोध हुआ था। BBC द्वारा बार-बार प्रोपेगैंडा डॉक्यूमेंट्री बनाने को लेकर लोगों ने कहा कि वे अब इस मीडिया संस्थान को पैसे नहीं देंगे। साथ ही लोगों ने BBC सब्सक्रिप्शन को रिन्यू न कराने की भी बात कही थी। इसके लिए लोगों ने बाकायदा Twitter पर BBC के खिलाफ #DeFundTheBBC ट्रेंड चलाया था। ब्रिटेन के लोगों का कहना था कि, 'BBC ने बकवास डॉक्यूमेंट्री बनाई। BBC ने आतंकी शमीमा बेगम अपने फैसलों को सही ठहरने के लिए एक मंच प्रदान किया। BBC, ब्रिटेन में रहने वाले लोगों का हितैषी नहीं है। वह हमारी हँसी उड़ाते हुए हमारा अपमान कर रहा है। अब वक़्त आ गया है, हम BBC को पैसे नहीं देंगे।'

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