RBI के इस फैसले से लोन के पुनर्गठन में मिलेगी मदद
RBI के इस फैसले से लोन के पुनर्गठन में मिलेगी मदद
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बुधवार को घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बताया कि हाल ही में ऐलान रिकास्ट पैकेज के तहत बैंकों द्वारा प्रणाली के समग्र लोन का 7.7 प्रतिशत या 8.4 लाख करोड़ रुपये तक के ऋण का पुनर्गठन करने की आसार है. अगर पुनर्गठन का कदम नहीं उठाया जाता, तो इस 8.4 लाख करोड़ के ऋण के 60 फीसद से अधिक के एनपीए में खिसकने की आशंका थी. पुनर्गठन से बैंकों की आय भी बेहतर होगी, क्योंकि उन्हें अपेक्षाकृत कम प्रावधान करना होगा.

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इस माह के प्रारंभ में, आरबीआई ने रिकास्ट पैकेज का ऐलान किया था. भारतीय रिज़र्व बैंक ने कम मूल्य के नॉन-कॉरपोरेट लोन्स के लिए भी रिकास्ट की इजाजत दी थी. रेटिंग एजेंसी ने कहा, 'पहले के अनुभव के विपरीत, वैश्विक वित्तीय संकट के बाद, जहां लगभग 90 फीसद पुनर्गठन कॉर्पोरेट ऋणों में हुआ, गैर-कॉर्पोरेट सेगमेंट, जिसमें छोटे व्यवसाय, कृषि ऋण और खुदरा ऋण सम्मिलित हैं, इस बार ज्यादा हिस्सेदारी के लिए जिम्मेदार होंगे.'

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एजेंसी का अंदाजा है कि रिकास्ट के लिए गैर-कॉर्पोरेट लोन की कुल रकम 2.1 लाख करोड़ रुपये रहेगी. एजेंसी ने बताया कि महामारी के प्रारंभ होने से पहले ही गैर-कॉर्पोरेट सेगमेंट तनाव के संकेत दिखा रहा था. कॉरपोरेट सेगमेंट में, COVID-19 से पहले ही 4 लाख करोड़ रुपये के ऋणों में खिंचाव था.एजेंसी ने कहा कि कॉर्पोरेट सेगमेंट के अंदर, पुनर्गठन 3.3 लाख करोड़ रुपये से लेकर 6.3 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है.यह बैंकों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों पर निर्भर रहेगा. एजेंसी ने कहा की यह रेंज काफी व्यापक है, क्योंकि ऐसा लगता है कि 53 प्रतिशत उच्च जोखिम पर है, जबकि 47 प्रतिशत मध्यम जोखिम पर है.

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