May 07 2016 02:10 AM
बांग्लादेशी: बांग्लादेशी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को चरमपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के मुखिया मोती-उर-रहमान निज़ामी की अंतिम अपील को खारिज़ कर दी गयी है, जिसके बाद उन्हें किसी भी समय फांसी की सजा दी जा सकती है. वह पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के समय के अपराधों में लिप्त पाए गए थे.
समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को स्थानीय सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस सुरेंद्र कुमार सिन्हा की अगुवाई वाली चार सदस्यीय डिवीजन बेंच द्वारा केवल एक शब्द में अपना फैसला सुनाया गया, "डिसमिस्ड".
निज़ामी 1971 में बदनाम 'अल बद्र' फोर्स के मुखिया रह चुके है. उन पर 1971 की आज़ादी की लड़ाई के दौरान हत्या, बलात्कार और शीर्ष बौद्धिक लोगों की हत्या कराने के आरोप साबित हुए है. जिसके बाद अक्टूबर 2014 में मौत की सज़ा सुना दी गयी थी.
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