पत्रकारों का दावा बनारस हिंसा के दौरान पुलिस ने ही लगाई थी गाड़ियों में आग
पत्रकारों का दावा बनारस हिंसा के दौरान पुलिस ने ही लगाई थी गाड़ियों में आग
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वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में सोमवार को संतों की प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए लाठीचार्ज और आगजनी मामले में पुलिस भी शक के घेरे में नज़र आ रही है. हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों के वायरल होने के बाद यह दावा किया जा रहा है. इन तस्वीरों में बवाल के दौरान पुलिस को गाड़ियों में आग लगाते दिखाया गया है. यह फोटो वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) आकाश कुलहरि को सौंप दी गई हैं.

क्या है तस्वीरों में?

प्रतिकार यात्रा के दौरान आगजनी-पथराव के बाद हुए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और फायरिंग के बाद मंगलवार को सोशल साइट व्हाट्सएप पर कुछ तस्वीरें वायरल हुईं. इनमें पुलिसवाले एक जलती हुई बोरी को पास में खड़ी बाइक पर रखते दिखाई दे रहे हैं. इसके बाद दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने ही जानबूझकर मीडियाकर्मियों की मोटरसाइकिल में आग लगाई थी. ये तस्वीरें लाठीचार्ज में घायल हुए फोटो जर्नलिस्ट संजय गुप्ता द्वारा ली गई हैं. संजय ने बताया कि सोमवार को हुए बवाल में पुलिस और पीएसी के जवानों ने उनका कैमरा भी तोड़ दिया था.

संजय ने बताया कि जब उपद्रवी गोदौलिया चैराहा से लेकर गिरजाघर चैराहे तक उतपात कर मचा रहे थे, तभी कुछ उपद्रवी पथराव और आग लगाकर बोरी फेंकने लगे. पुलिस ने उन्हें भागा दिया और सड़क पर गिरी जलती हुई बोरी को पुलिसवालों ने बाइक पर रख दिया. इससे बाइक जल उठी. इसका विरोध करने पर पुलिस ने उनकी पिटाई कर दी और कैमरा तोड़ दिया.

मामला सामने आने के बाद SSP आकाश कुलहरि का कहना है कि यदि पुलिसवालों द्वारा बाइक में आग लगाने की बात साबित होती है तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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