वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या बेहद पवित्र मानी जाती है। इस दिन भगवान शिव और भगवान श्रीकृष्ण की उपासना बेहद फलदायक है। यही नहीं वैष्णव मंदिरों में भी विशेष पूजन किया जाता है। इस अमावस्या पर तीर्थों और नदियों के किनारों पर स्नान, ध्यान, पूजन, तर्पण आदि करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है। अतिप्राचीन पंचक्रोशी यात्रा जो कि उज्जैन में होती है। इसी दिन संपन्न होती है।
श्रद्धालु नगर के 84 महादेव में शामिल चार महादेव मंदिरों की परिक्रमा पूर्ण कर वापस लौटते हैं तो शिप्रा नदी में स्नान कर यात्रा संपन्न होती है। इसके बाद वे श्री नागचंद्रेश्वर भगवान को अपना बल वापस लौटाते हैं।
प्रतीक स्वरूप भगवान श्री नागचंद्रेश्वर को मिट्टी के घोड़े अर्पित किए जाते हैं। भगवान से यात्रा के सफल होने पर उन्हें धन्यवाद दिया जाता है। यही नहीं इस अमावस्या पर पवित्र तीर्थों में स्नान कर दान करना बेहद शुभ माना जाता है।