108 में जन्मा नवजात, हल्द्वानी पहुंचने से पहले तोड़ दिया दम
108 में जन्मा नवजात, हल्द्वानी पहुंचने से पहले तोड़ दिया दम
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अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा ब्लाक की वीपीडीओ (ग्राम पंचायत विकास अधिकारी) धर्मा बोहरा ने चल्थी में 108 एंबुलेंस में नवजात को जन्म दिया, लेकिन वक्त पर इलाज न मिल पाने से नवजात को बचाया नहीं जा सका। हल्द्वानी पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।गर्भवती महिला को पाटी के अस्पताल से चंपावत जिला अस्पताल होते हुए टनकपुर, खटीमा के बाद हल्द्वानी ले जाया गया।  पाटी निवासी धर्मा बोहरा (30) पत्नी प्रदीप बोहरा सोमवार दोपहर को पाटी अस्पताल से रेफर कर जिला अस्पताल लाई गईं। दर्द से कराह रही गर्भवती धर्मा का जिला अस्पताल की डॉ. श्वेता खर्कवाल ने इलाज किया।सीएमएस डॉ. आरके जोशी ने बताया कि ऑब्स्ट्रक्टेड लेबर पेन की वजह से ऑपरेशन जरूरी था और यहां प्रसूति रोग विशेषज्ञ नहीं थीं। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस वजह से गर्भवती को हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन 108 एंबुलेंस में चल्थी के पास प्रसव हुआ। टनकपुर व खटीमा अस्पताल में दिखाने के बाद प्रसूता को हल्द्वानी ले जाया गया, मगर वहां पहुंचने से पूर्व ही नवजात ने सोमवार रात दम तोड़ दिया।जिले की 259648 की आबादी में 49.39 प्रतिशत (128253) महिलाएं हैं, मगर इस आधी आबादी की सेहत को लेकर सिस्टम सोया हुआ है। सियासी नेता व नौकरशाही सेहत को सुधारने के ढेरों दावे करते रहे हैं, पर लगातार हो रही मौतें उनके दावों पर सवाल खड़ा करते हैं। नेपाल सीमा से लगे इस जिले के सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए एक भी गायनोकोलॉजिस्ट (वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ) नहीं है।

जिला अस्पताल सहित जिले के तमाम अस्पतालों में आने वाली औसतन प्रति माह 11305 ओपीडी में से 3735 महिलाओं से संबंधित मामले आते हैं, लेकिन महिलाओं के इलाज की कोई कारगर व्यवस्था नहीं है। जिले के छोटे-बड़े 23 सरकारी अस्पतालों को तो छोड़िए, सबसे बड़े जिला अस्पताल में भी 23 जुलाई 2018 से गायनाकोलॉजिस्ट नहीं है। स्वास्थ्य महानिदेशक बीते एक साल में दो गायनाकोलॉजिस्ट के स्थानांतरण आदेश चंपावत के लिए कर चुकी हैं, लेकिन अब तक ज्वाइन एक ने भी नहीं किया| विशेषज्ञ नहीं होने से गर्भवती महिलाओं के इलाज से लेकर जटिल प्रसव में दुश्वारी आ रही है। सोमवार को भी ऐसा ही हुआ। 2018 से अब तक 15 गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं तथा 95 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी का कहना है कि गायनोकोलॉजिस्ट और रिक्त एलएमओ की तैनाती के लिए निदेशालय से आग्रह किया गया है।

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