उज्जैन : सिंहस्थ वर्ष 2016 के अंतर्गत आयोजित हुए वैचारिक कुंभ का यूं तो समापन हो गया हैं लेकिन इस महाकुंभ के दूसरे दिन योग गुरू बाबा रामदेव ने स्वदेशी का परचम लहराया। उन्होंने स्वदेशी का जमकर प्रचार - प्रसार किया। उन्होंने कहा कि बाजारवाद के कारण आज हमने मां के दूध को भी पूतना के दूध की तरह बना दिया। यह दूध भी विषाक्त हो गया है।
उनका कहना था कि वे जो प्रयास कर रहे हैं उसके कारण विदेशी कंपनियां आने वाले कुछ वर्षों में शीर्षासन भी करने लगेंगी।उन्होंने मंच से अपने द्वारा तैयार की गई खड़ाउ भी दिखाई उनका कहना था कि यदि करोड़ों को रोजगार उपलब्ध करवाना है तो फिर कुटीर उद्योग बेहद कारगर हैं।
उनका कहना था कि लोगों को कॉटन और देश में बनी हुई वस्तुओं का ही उपयोग करना चाहिए। उन्होंने मध्यप्रदेश में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अत्याधुनिक फूड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की बात भी कही। उनका कहना था कि पतंजलि संस्थान यहां पर 500 करोड़ रूपए की लात से गौ अनुसंधान केंद्र भी खोलेगा। से भी खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि पतंजलि के माध्यम से लोगों को साबून, शैंपू और टूथपेस्ट मुफ्त में ही बनाना सिखाया जाएगा।