शिरडी के श्री सांईबाबा के दर्शनों के लिए आज भी देश - विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिरडी पहुंचते हैं। आज भी श्रद्धालुओं को बाबा के समाधि मंदिर से चमत्कारों का अनुभव होता है। बाबा के श्रद्धालुओं के कुछ ऐसे अनुभव हैं जिसे आज भी वे सभी के बीच बताते हैं। आज भी बाबा की समाधि के अनुभव श्रद्धालुओं को आश्चर्य में डाल देते हैं। देशभर में श्री सांई बाबा के जागृत मंदिरों की स्थापना उनके श्रद्धालुओं ने की है। जहां शिरडी से धुनि की एक ज्योत लाकर इन मंदिरों के समीप प्रज्जवलित की गई है और इन मंदिरों की स्थापना के ही साथ बाबा की ये पावन धुनियां श्रद्धालुओं के कष्टों का निवारण कर रही हैं।
इन मंदिरों में श्रद्धालुओं को दीव्यता, पवित्रता और शांति का अनुभव होता है। इन मंदिरों में सुबह - शाम श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। इन्हीं मंदिरों में शामिल हैं, मध्यप्रदेश के धार्मिक नगर उज्जैन में प्रतिष्ठापित श्री सांईबाबा मंदिर। उज्जैन में श्री सांई बाबा के कई भक्त हैं इन भक्तों ने बाबा के इन धामों को अलखधाम नगर और इंदौर रोड़ के समीप प्रशांतिधाम में प्रतिष्ठापित किया है। प्रशांति धाम का यह मंदिर तो परम पूज्य श्री श्री सांईदास बाबा ने निर्मित करवाया। जिन्होंने श्री साई फाउंडेशन आॅफ इंडिया की शुरूआत की।
यहां आज भी बाबा की पवित्र धुनि प्रज्जवलित है। यहां धुनि में धुनि के नारियल समर्पित कर 11, 21, 5 परिक्रमाऐं लगाने से श्रद्धालुओं को मानसिक शांति का अनुभव होता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजन करने के बाद बाबा की कृपा मिलने का अनुभव होता है। मंदिर में दर्शन करने और बाबा की धुनि की परिक्रमा करने वाले के हर काम सफल होते हैं। यहां प्रति गुरूवार को श्री सांई के अमृत वचनों को याद किया जाता है और श्रद्धालु विशेष पूजन करते हैं। मंदिर में आने वाले को श्री सांईदास बाबा और श्री सांईबाबा की मौजूदगी का अहसास होता है।
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