लखनऊ : राजनीति को लेकर हमेशा से ही अख़बार की सुर्ख़ियों में रहे आजम खां एक बार फिर से एक बयान को लेकर सुर्खियां बटोरते हुए नजर आ रहे है. इस बार उन्होंने बयान देते हुए यह कहा है कि इस बार विधानसभा का यह चुनाव मुसलमानों पर निर्भर करता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में वे अपने मुह को बंद नहीं होने देंगे चाहे इसके लिए उन्हें जेल की हवा ही क्यों न खाना पड़े. उन्होंने आगे अपनी बात को जारी रखते हुए यह भी कहा है कि इस चुनाव में मुसलमान एक अहम भूमिका निभाने वाले है, इसलिए चुनावी फैसले भी काफी समझदारी के साथ लिए जाना है.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि "हर बार मेरी किसी बात को पकड़कर मुझे चुप रहने की हिदायत दी जाती है लेकिन इस बार मैं या तो अपनी जिंदगी को आज़ादी के साथ बिताऊंगा या फिर जेल चला जाऊंगा." इसके साथ ही आज़म ने मायावती से लेकर जामा मस्जिद के इमाम मौलाना बुखारी को भी अपने बयानों के शिकंजे में लेते हुए यह कहा कि जो लोग गाय की सुरक्षा को लेकर हल्ला मचा रहे थे उन्होंने ही दो सौ करोड़ का चेक बीफ के निर्यातकों से लिया है.
और अचरज की बात यह है कि अब पार्टियो को इसके लिए कोई जवाब समझ नहीं आ रहा है. आजम खां ने यह भी कहा कि यदि मुझे दिल्ली की जामा मस्जिद की इमामत मिल जाती है तो मैं अपना मंत्री पद तक छोड़ने के लिए तैयार हूँ. लेकिन अफ़सोस है कि ऐसा हो नहीं पायेगा. इसके साथ ही बातों बातों में उन्होंने आमिर खान के असहिष्णुता वाले बयान पर अपनी सहमति जताते हुए कहा है कि वे आमिर के साथ खड़े हुए है.