नई दिल्ली: भारत में 75 लाख व्यक्तियों को आयुष प्रोफिलैक्टिक मेडिसिन, डाइट तथा लाइफस्टाइल पर लिखित दिशानिर्देश डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए सरकार ने एक अभियान आरम्भ किया है। महामारी के इस मुश्किल वक़्त में सरकार के इस अभियान से इम्यूनिटी बढ़ाने वाली लाइफस्टाइल को अच्छा बनाने में सहायता प्राप्त होगी। वही PHDCCI के सीनियर उपाध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने एक बयान में बताया, ‘यह पहल एक इम्यूनिटी से भरी लाइफस्टाइल को सुनिश्चित करने में एक अहम किरदार निभाएगी।
कोरोना खतरे के इस वक़्त में जनसंख्या के इम्युनो-कॉम्प्रोमाइज्ड ब्रैकेट (बुजुर्ग तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स) पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। इस अभियान का आरम्भ केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल तथा आयुष मुंजपारा राज्य मंत्री ने 2 सितंबर को किया था। साथ ही इस अभियान के तहत, अगले एक वर्ष में इम्यूनिटी बढ़ाने वाली मेडिसिन का और कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के उपायों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए लिखित दिशानिर्देशों का डिस्ट्रीब्यूशन देश भर में 75 लाख व्यक्तियों के बीच किया जाएगा।
आयुष मंत्रालय का यह अभियान 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के व्यक्तियों तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स पर ध्यान रहेगा। कोरोना वायरस की रोकथाम करने वाली आयुष मेडिसिन की किट में संशामणि वटी (जिसे गुडुची अथवा गिलोय घन वटी भी बोला जाता है) तथा अश्वगंधा घन वटी है। रोगनिरोधक आयुर्वेदिक दवाओं की इस किट को तथा दिशानिर्देशों को सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक मेडिसिन ने तैयार किया है।
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