नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ में अयोध्या मामले की 8वें दिन की सुनवाई में रामलला विराजमान की तरफ से वकील सीएस वैद्यनाथन ने बहस शुरू की. वैद्यनाथन ने सबसे पहले भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) की रिपोर्ट का हवाला दिया. रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि जहां मस्जिद का निर्माण किया गया था उसके नीचे एक विशाल निर्माण था और ASI की खुदाई में जो चीजें सामने आईं हैं उसके अनुसार वहां एक हिंदू मंदिर था.
सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि बाबरी मस्जिद के नीचे जिस तरह का निर्माण मौजूद था, उसकी बनावट, उसके निर्माण के तरीके और उसमें भगवान के चिन्ह यह बताते हैं कि वहां पहले से मंदिर मौजद था, पहले मुस्लिम पक्ष मंदिर के स्ट्रक्चर को ही इंकार करता था, लेकिन बाद में वो कहने लगे कि स्ट्रक्चर तो था, किन्तु वो एक इस्लामिक स्ट्रक्चर की तरह था.
इससे पिछली सुनवाई में रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने विवादित ज़मीन के नक्शे और फोटोग्राफ अदालत के समक्ष रखते हुए कहा था कि खुदाई के दौरान मिले खंभों में श्रीकृष्ण, शिव तांडव और श्रीराम की बालरूप की तस्वीरें दिखाई देती हैं. वैद्यनाथन ने कहा था कि 1950 में वहां हुए निरीक्षण के दौरान भी सभी ऐसी तस्वीर, ढांचे मिले थे, जिनके चलते ढांचे को कभी भी एक वैध मस्ज़िद नहीं माना जा सकता. किसी भी मस्ज़िद में इस तरह के भगवान की तस्वीरों वाले खंभे नहीं मिलेंगे.
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