नई दिल्ली: अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. इससे पहले मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान रामलला विराजमान के अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन की दलील के दौरान सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के अधिवक्ता राजीव धवन की टीका टिप्पणी पर सीजेआई ने नाराजगी जाहिर की है. राजीव धवन ने कहा था कि 'वैद्यनाथन उच्च न्यायालय के जजमेंट पढ़ रहे हैं, सबूत पेश नहीं कर रहे!'
अयोध्या केस की सुनवाई के दौरान रामलला पक्ष की तरफ से जिरह के तरीके पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने ऐतराज जताते हुए कहा कि वो सिर्फ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दे रहे है, दलीलों के समर्थन के कोई साक्ष्य पेश नहीं कर रहे है. सीजेआई गोगोई ने कहा कि हम यह स्पष्ट कर देने चाहते है कि हमे कोई जल्दी नहीं है, इस मामले में सभी पक्षों को बहस का पूरा अवसर मिलेगा.
अदालत ने कहा कि वैद्यनाथन जिस तरह से अपना पक्ष रख रहे है, उन्हें रखने दीजिए. आपको भी छूट दी जाएगी , आप जिस अंदाज में जिरह करना चाहे, अपनी बारी आने पर करे. दरअसल, वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन दलील ने दलील दी थी कि 12 दिसंबर 1949, जब से विवादित स्थान पर मूर्तियां रखी गईं हैं, वहां न तो नमाज अदा हुई है और न ही मुस्लिम पक्षकारों का उस जमीन पर कभी कब्जा रहा है.
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