अवरनेस के बाबजूद भी ले रहे जंक फ़ूड
अवरनेस के बाबजूद भी ले रहे जंक फ़ूड
Share:

पिछले दिनों  दिल्ली के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में हुए एक सर्वे में पता लगा है कि स्कूली बच्चों में हेल्दी और हार्मफुल ईटिंग को लेकर काफी अवेयरनेस है। राजधानी के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में हुई यह रिसर्च जर्नल ऑफ नर्सिंग साइंस एंड प्रैक्टिस  में छपी है। इसके मुताबिक, 8 से लेकर 12 साल की ऐज ग्रुप के 80 से 90 फीसदी बच्चे इस बात से वाकिफ हैं कि ग्रीन वेजिटेबल्स, मिल्क और रूट्स उनकी सेहत के लिए अच्छे हैं, जबकि फास्ट फूड अन हेल्दी हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि वे इस पर अमल नहीं कर पा रहे।

नहीं होता कंट्रोल : इस सर्वे में हिस्सा लेने वाले 50 फीसदी बच्चे सप्ताह में तीन बार सॉफ्ट ड्रिंक, चॉकलेट्स और चिप्स  खाते हैं। इनमें से 60 फीसदी का कहना है कि उन्हें पैरंट्स और फैमिली से जानकारी मिली कि जंक फूड उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं हैं। जबकि 20 फीसदी बच्चों को यह जानकारी मीडिया से मिली। यही नहीं, 90 फीसदी बच्चों को इस बात की जानकारी है कि सेहत की बेहतरी के लिए फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है। बावजूद इसके वे ज्यादा एक्टिव नहीं हैं। यानी कि सिर्फ अवेयरनेस से उनकी ईटिंग हैबिट्स पर खास  फर्क नहीं पड़ रहा।

ये है वजह : हेल्थ अवेयरनेस के बावजूद बच्चों के फास्ट फूड को तरजीह देने की कई वजहें हो सकती हैं सायकायट्रिस्ट डॉ समीर मल्होत्रा का कहना है कि जंक फूड को किस तरह से सर्व किया गया है। कैसा स्वाद है और यह कितनी आसानी से अवेलेबल है। स्टूडेंट्स के जंक फूड की ओर अट्रेकट  होने में ये सब फैटर मैटर करते हैं। वैसे भी, जंक फूड दुनिया के हर कोने में आसानी से मिल जाता है। बकौल डॉ मल्होत्रा, हमारे दिमाग में डोपामिन नाम का केमिकल मोजूद होता है, जिससे जुड़े रास्ते असर एडिक्सन  की वजह बनते हैं। जंक फुड भी एडिक्सन  जैसा ही है। इसी के चलते मैगी, बर्गर और पिज्जा की कल्पना से ही टेस्ट बड्स एक्टिवेट  हो जाते हैं। बच्चों के जंक फूड अपनाने की एक वजह यह भी है कि इसका गलत एफेक्ट  तुरंत नहीं होता। इससे एकदम से हार्ट की प्रॉलम भी नहीं होती। वैसे, गलती पैरंट्स की भी है। आजकल बर्थडे पार्टीज में घर के खाने की बजाय वे फ़ास्ट फ़ूड  सर्व करते हैं।

न्यूट्रिशंस ऑप्शन : दरअसल यही वह उम्र है, जब बच्चों में खानेपीने की आदतें डिवेलप होती हैं। ऐसे में जंक फू ड के कुछ  ऑप्शन ट्राई किए जा सकते हैं, जिनका जायका भी उतना ही अच्छा है। रॉकलैंड हॉस्पिटल की सीनियर डायटीशियन डॉ सुनीता राय चौधरी का कहना है कि पिज्जा भी हेल्दी हो सकता है। बस इसमें सब्जिया ज्यादा होनी चाहिए, चीज थोड़ा कम हो और वेजिटेबल्स ज्यादा हों। अगर नॉन वेज पिज्जा ले रहे हों, तो उसमें भी सब्जिया ज्यादा हों। इन दिनों मार्केट में मैदा की जगह पर मल्टीग्रेन पिज्जा भी अवेलेबल हैं। मल्टीग्रेन बेस के अलावा मल्टीग्रेन ब्रेड भी मार्केट में अवेलेबल हैं। इनमें भी वेजिटेबल डालकर सैंडविच की तरह से खाया जा सकता है। इसे बेक करके या ग्रिल करके घर में आसानी से बनाया जा सकता है। बात जहां तक बर्गर की है, मल्टीग्रेन बर्गर तो आपको कुछ फूड चेंस में भी मिल जाएंगे। नूडल्स की बात करें, तो मैदे की जगह पर ड्रूम व्हीट के नूडल्स ट्राई सकते हैं।

बता दें कि हॉस्पिटल्स में रोगियों को ऐसे नूडल्स ही दिए जाते हैं। दरअसल इसमें व्हीट को इस तरह से पीसते हैं कि उसका फाइबर मौजूद रहता है। नूडल्स और पास्ता में खूब सारी सब्जिया डालकर बना सकते हैं। इसके अलावा, घर में सूजी के पूड़े में दाल और वेजिटेबल्स डालकर डोसा रेडी कर सकते हैं।

हेल्दी बर्गर और स्प्राउट्स: बर्गर में अंदर जो टिक्की डालते हैं, उसे ज्यादा फ्राई न करके हल्का फ़्राय करना चाहिए। हां, आलू की जगह दूसरे ग्रीन वेजिटेबल्स डाले जा सकते हैं। पालक के पत्ते मैश करके डाला जाए, तो भी बेहतरीन टेस्ट आएगा। डॉ सुनीता बताती हैं, हेल्दी स्नैस की बात करें, तो स्प्राउट्स का कोई जोड़ नहीं। इसे आप वेजिटेबल्स, नमक और वाइट बटर यूज करके इसे टेस्टी बना सकते हैं। रॉ स्प्राउट में अगर थोड़े अनार के दाने, कटे हुए सेब या टमाटर डाल दें तो यह टेस्टी लगेगा। स्प्राउट्स को मल्टीग्रेन ब्रेड में भर दें, तो हेल्दी सैंडविच बन सकता है। यही नहीं, आप स्प्राउट्स का चीला भी बना सकते हैं। चने के स्प्राउट्स को पीसकर और नमक डालकर उसका टिक्का बना सकते हैं। इसमें हरा प्याज और धनिया डाल दें तो यह और भी जायकेदार हो जाएगा। मूंग के चीले में आप वेजिटेबल्स भी डाल सकते हैं। इन चीलों को आप अपने बच्चे को लंच बॉक्स  में भी दे सकते हैं। अगर सूजी के चीले में खूब सारी सब्जिया  डाल दें, तो वह भीबच्चों को पसंद आएगा।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -