रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद भी अवनि लेखरा ने नहीं मानी हार, इस किताब को पढ़ बनीं निशानेबाज
रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद भी अवनि लेखरा ने नहीं मानी हार, इस किताब को पढ़ बनीं निशानेबाज
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भारत की निशानेबाज अवनि लेखरा आज अपना जन्मदिन मना रही है। बता दे अवनि लेखरा ने भारत के लिए कई मैडल जीते है। भारतीय पैरालंपिक निशानेबाज अवनि लेखरा जयपुर की रहने वाली है। इनके पिता का नाम प्रवीण लेखरा और माता का नाम श्‍वेता लेखरा है। अवनि के पिता प्रवीण लखेरा रेवेन्‍यू विभाग में RAS की पोस्ट पर गगांनगर में कार्यरत है। 

सन् 2012 मे अवनि को एक दुर्घटना का शिकार होना पड़ा। जब अवनि 11 वर्ष की थी तो अपने पिता के साथ जयपुर से धौलपुर जाते वक़्त उनका एक्‍सीडेंट हो गया। इस हादसे में अवनि के पिता तो ठीक हो गए लेकिन अवनि की रीढ़ की हड्डी टूट गई। छोटी सी आयु में व्‍हील चेयर पर होने के पश्चात् भी उन्‍होने हार नही मानी। अवनि को उनके पिता ने खेलों में जाने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने पहले निशानेबाजी तथा तीरंदाजी दोनों खेलों में हाथ आजमाये। उन्हें निशानेबाजी जबरदस्त लगी। उन्हें बीजिंग ओलंपिक 2008 के गोल्ड मेल्ड विनर अभिनव बिंद्रा की पुस्तक पढ़कर भी प्रेरणा प्राप्त हुई।

उन्होंने 2015 में जयपुर के जगतपुरा खेल परिसर में निशानेबाजी आरम्भ की थी। कानून की विद्यार्थी अवनि ने संयुक्त अरब अमीरात में वर्ल्ड कप 2017 में भारत की ओर से डेब्यू किया था। अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। 

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