भारी बहुमत से भारत की सत्ता में काबिज हुई PM Narendra Modi की अगुवाई वाली Modi 2.0 के लिए इन दिनों सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक ऑटो इंडस्ट्री में चल रही उथल-पुथल को स्थिर करना है.दरअसल 2019 की शुरुआत से ही ऑटो सेक्टर गिरावट का सामना कर रहा है. ऐसे में आज हम आपको ऑटो इंडस्ट्री से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रही हैं. इनमें वाहनों की बिक्री से लेकर जॉब को बचाए रखना शामिल हैं. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से
Honda BigWing आउटलेट होगा कमाल, ग्राहकों को मिलेगा शानदार अनुभव
बिक्री में आई भारी कमी ने बढ़ाई चिंता
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चरर्स (SIAM) के मुताबिक जुलाई 2019 में पैसेंजर वाहनों की बिक्री में 35 फीसद की गिरावट आई है, जो कि सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. दरअसल इस साल की शुरुआत से ही ऑटो इंडस्ट्री में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जहां बड़ी कंपनियां के वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है.जुलाई 2019 में ऑटो सेक्टर में 18 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है.इस दौरान पैसेंजर सेगमेंट में सबसे ज्यादा गिरावट आई है, जहां बिक्री का आंकड़ा 35 फीसद गिर गया है. वहीं, कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 25 फीसद की गिरावट आई है.
इस कारण छाई है वाहन उद्योग में सुस्ती
अपने बयान में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफेक्चरर्स (SIAM) के डायरेक्टर जनरल विष्णु माथुर ने पत्रकारों से बात करते हुए हाल ही में कहा था कि ऑटो सेक्टर बीते 19 सालों में सबसे ज्यादा खराब दौर से गुजर रहा है. विष्णु के मुताबिक ऐसी क्राइसिस दिसंबर 2000 में देखी गई थी.SIAM के डाटा के मुताबिक लाखों नौकरियों पर तलवार लटक रही है. ऐसे में रिपोर्ट्स की मानें तो कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की छटनी भी की है.SIAM के डाटा के मुताबिक ऑटो सेक्टर में जारी गिरावट का असर डिलरशिप्स पर देखने को मिल रहा है, जहां 300 डिलरशिप्स बंद हो चुके हैं.
Bajaj Auto इन राज्यों के लिए लगा रही फ्री सर्विस कैंप, नही लगेगा कोई चार्ज