काबुल: अफगान तालिबान द्वारा देश पर नियंत्रण ग्रहण करने के बाद से आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने देश के उत्तर और पूर्व में कई हमलों का दावा किया है ।
दो नवंबर को काबुल में अफगानिस्तान के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल पर हुए हमले में 19 व्यक्तियों की मौत हुई और ४० से अधिक घायल हुए । अस्पताल के प्रवेश द्वार के माध्यम से दो विस्फोट फट गए, जिसके बाद गोलियों की तड़तड़ाहट हुई । बाद में इस्कीपी ने इस जघन्य हमले का श्रेय लेने का दावा किया, यहां तक कि आत्मघाती हमलावरों का नामकरण भी किया ।
आईएसकेपी ने पिछले कई हफ्तों में 12 हड़तालों की जिम्मेदारी ली है, जिसमें नांगरहार, काबुल, कुनार और कंधार प्रांतों में आत्मघाती हमले शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप १५० से अधिक लोग हताहत हुए हैं । आत्मघाती हमलावरों ने इस महीने की शुरुआत में कंधार पर हमला किया था, जिसमें विशेष रूप से इमाम बारगाह (एक शिया मस्जिद) को निशाना बनाया गया था । इस त्रासदी में ४७ व्यक्तियों की मौत हुई और लगभग ७० अन्य घायल हो गए । आईएसकेपी की आधिकारिक प्रचार शाखा अजाक न्यूज एजेंसी ने एक बार फिर अपनी संलिप्तता की घोषणा की ।
दोनों हमलावरों के रूप में अनस अल खुरासानी और अबू अली अल बलूची का भी नाम था । 8 अक्टूबर को शुक्रवार की नमाज के दौरान उत्तरी कुंदूज शहर की एक शिया मस्जिद में इसी तरह के आत्मघाती हमले में २०० से अधिक लोग घायल हुए हुए । आईएसकेपी द्वारा देश भर में विभिन्न स्थलों में आईईडी हमले भी किए गए हैं। 25 अक्टूबर के मुकाबले जलालाबाद में तालिबान की पेट्रोलिंग टीमों पर दो बम बरसाए गए जिसमें दस लोगों की मौत हो गई थी। उसी दिन जलालाबाद में एक अन्य घटना में एक पूर्व सरकारी कर्मचारी की मौत हो गई थी।