छत्तीसगढ़ / रायपुर : आपको याद होगा की बीते पिछले दो साल पहले झीरम घाटी में नक्सलियों के हमलो में कांग्रेस नेताओं के काफिले पर उन्होंने गोलियां बरसाई थी, उसी केस की सुनवाई कर रहे जज के घर पर शुक्रवार के दिन नक्सलियों ने एक बम ब्लास्ट किया और साथ ही धमकी भरा खत फेंक गए. वैसे इस ब्लास्ट में किसी प्रकार की जन हानि और कोई नुकसान नहीं हुआ. यह घटना शुक्रवार के दिन की है, इस मामले की छानबीन पुलिस की टीम जांच सुबह से अब तक गोपनीय तरीके से कर रही है. जब फोरेंसिक इन्वेस्टीगेशन टीम तहकीकात के लिए जज के घर के बाहर तब जाकर इस घटना में साक्ष्यों को जुटाया और घटना का खुलासा हुआ.
केस से हटने की नसीहत
झीरम घाटी के हमले की सुनवाई कर रहे जज महादेव कातुलकर के घर के ठीक सामने घर के गेट पर बम विस्फोट किया गया. इस बम के ब्लास्ट के बाद आवाज घर में मौजूद महादेव कातुलकर बाहर निकले तब उन्हें गेट पर पड़ा एक पत्र मिला, इस खत में जज को में झीरम घाटी हमले की सुनवाई से हटने की नसीहत दी गई थी. खत में लाल सलाम लिखा था और मामले की सुनवाई से न हटने पर बुरे अंजाम होने की धमकी दी गई थी.
झीरम घाटी का हमला
25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन रैली से वापस लौट रहे नेताओं के काफिले पर हमला किया गया था, नक्सलियों के इस हमले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर कहे जाने वाले महेंद्र कर्मा, तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष नंद कुमार पटेल समेत 30 कांग्रेसी मारे गए थे. इस खतरनाक हमले की जांच एनआईए (नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी) को सौंपी गई है और इसकी सुनवाई के लिए बिलासपुर में महादेव कातुलकर की विशेष अदालत में चल रही है.
सुरक्षा में घुसकर किया हमला
जज महादेव कातुलकर झीरम घाटी हमले की जांच के लिए बनी विशेष अदालत के न्यायाधीश हैं, बिलासपुर में इनके घर के आसपास कड़ी सुरक्षा रहती है, उनके घर के ठीक सामने एसपी आवास है और पूरा एरिया वीआईपी रेसीडेंसी हैं, इसके बावजूद नक्सलियों ने यह हमला किया. तूफान के कारण से सीसीटीवी फुटेज क्लियर नहीं हमले के समय वहां पर तेज आंधी चल रही थी, जिसकी वजह से आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में फुटेज क्लियर नहीं आ सकी .