CM बनने से पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती की हत्या कर देता अतीक अहमद अगर...
CM बनने से पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती की हत्या कर देता अतीक अहमद अगर...
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की कल (15 अप्रैल 2023) सरेआम हत्या कर दी गई। दशकों तक लोगों के जहन में दहशत पैदा करने वाले अतीक को हमलावरों ने पुलिस और मीडिया दोनों के सामने मार डाला। अतीक के सीधे सिर में गोली दागी गई, जिसके बाद अतीक फौरन जमीन पर ढेर हो गया।

बता दें कि, अतीक ने 44 वर्षों तक यूपी में अपना आतंक फैला रखा था। 17 वर्ष की आयु में ही उस पर ऊपर हत्या का आरोप लग चुका था। इसके अलावा रंगदारी वसूली उसके लिए आम चीजें थी। उसकी खतरनाक हिस्ट्रीशीट होने के बावजूद पिछली सरकारों में उसे भरपूर राजनितिक संरक्षण मिला। इसी संरक्षण का नतीजा था कि, 10 जज उसके खिलाफ सुनवाई करने से पीछे हट गए थे और जो 11वें जज आए, उन्होंने अतीक को जमानत दे दी। आज असद के एनकाउंटर को मजहबी रंग दे रहे अखिलेश यादव की सरकार में अतीक की तूती बोलती थी, यही नहीं मुएलायम सरकार में भी पुलिस को अतीक पर हाथ न डालने के आदेश थे, यूपी के पूर्व डीजीपी रहे ओपी सिंह ने खुद यह बात स्वीकारी है। इसी संरक्षण का परिणाम था कि अतीक अहमद 1995 के गेस्ट हाउस कांड में बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला करने से भी नहीं चूँका। मायावती ने खुयङ कई दफा मंचों से इस मामले में माफिया अतीक का नाम लिया है। मायावती ने बताया कि अतीक ने ही उन्हें मारने की साजिश रची थी। 

बताया जाता है कि यदि उस दिन मायावती के साथ दो कनिष्ठ पुलिस अधिकारी नहीं होते, तो गेस्ट हाउस में घुसी भीड़ कुछ भी कर सकती थी। घटना के अगले दिन मायावती ने राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 2005 में हुई बसपा विधायक राजू पाल की हत्या से पहले अतीक का नाम लखनऊ के चर्चित गेस्ट हाउस कांड में आया था।  जिसके लिए मुख्यमंत्री बनने के बाद भी मायावती ने उसे लंबे समय तक माफ नहीं किया था। जब-जब मायावती की सरकार आई, उन्होंने अतीक पर कार्रवाई की। माफिया के खिलाफ शिकंजा कसना, उसकी संपत्तियों पर कार्रवाई होना बसपा के शासनकाल में आरम्भ हो चुका था। लेकिन, उसका डर लोगों में फिर भी जिन्दा था, जिसे निकालने का काम किया योगी आदित्यनाथ की सरकार ने। 

समय बदलने के साथ अतीक के साथ मायावती की नाराजगी भी हल्की होती गई। खुद मायावती ने आगे आकर अतीक के परिवार को संरक्षण दे दिया। 6 जनवरी 2023 को अतीक का परिवार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM छोड़कर बसपा में शामिल हो गया। बताया जाता है कि मायावती के कहने पर ही अतीक का परिवार बसपा के साथ जुड़ा था। जिसके कुछ दिनों बाद बसपा के पूर्व राज्यसभा सांसद घनश्याम चंद्र खरवार ने शाइस्ता परवीन को प्रयागराज से मेयर का अपना उम्मीदवार भी बना दिया था। हालाँकि, उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता का नाम आने के बाद मायावती ने अपना फैसला बदल लिया और उनके परिवार से किसी को भी टिकट न देने का निर्णय लिया। हालाँकि, अब भी अतीक का परिवार बसपा का ही सदस्य है .

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