टोक्यो ओलंपिक में थी एथलीट, घर लौटी तो छाया था मातम
टोक्यो ओलंपिक में थी एथलीट, घर लौटी तो छाया था मातम
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सुभा वेंकटेशन एवं धनलक्ष्मी शेखर टोक्यो से ओलंपिक में भाग लेकर शनिवार को अपने शहर तमिलनाडु के त्रिचि पहुंचीं। यहां त्रिचि के व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया। सुभा एवं धनलक्ष्मी ने बताया, ओलंपिक में उनकी स्पर्धा बहुत कड़ी थी, मगर वे अगली बार और मेहनत करेंगी एवं पदक जीतकर देश का नाम ऊपर करेंगी। इतना ही नहीं उन्होंने सरकारी नौकरी देने के लिए तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, इससे परिवार पर भार कम होगा।  

धनलक्ष्मी, जिन्हें विकल्प के तौर पर रखा गया था, उन्होंने बताया तमिलनाडु को खेलों में अच्छा प्रतिनिधित्व प्राप्त होना आरम्भ हो गया है। उन्होंने कहा, पहले के ओलंपिक में तमिलनाडु के अधिक प्लेयर्स ने भाग नहीं लिया, मगर आहिस्ता-आहिस्ता इसमें परिवर्तन आया तथा  मुझे भरोसा है कि भविष्य में यह संख्या और बढ़ेगी।

एथलीट के बोलने के कुछ समय पश्चात् धनलक्ष्मी की रोने की आवाज सुन वहां उपस्थित लोग चौंक गए। दरअसल, धनलक्ष्मी को जैसे ही पता चला कि जब वे ओलंपिक के लिए टोक्यो में थीं तो उनकी बहन का देहांत बीमारी से हो गया। मगर उनकी मां ने धनलक्ष्मी को ये जानकारी ना देने का निर्णय लिया, क्योंकि वे नहीं चाहती थीं कि धनलक्ष्मी को यह पता चले तथा उनका ध्यान अपने खेल से हटे। धनलक्ष्मी को तमिलनाडु से एथलेटिक्स में एक उभरता हुआ चेहरा माना जाता है। ऐसे में उनकी मां ऊषा तथा परिवार के अन्य लोगों को ओलंपिक में हिस्सा लेने तथा खेलने की अहमियत पता थी।

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