CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल, पुराने नागरिकता कानून को भी दी गई चुनौती
CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल, पुराने नागरिकता कानून को भी दी गई चुनौती
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एक और याचिका लगाई गई है. ये याचिका एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन आफ सिविल राइटस (ACPR) नाम की संस्था ने दायर की है. इस याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम के अलावा नागरिकता कानून 1955 की धारा 3(1) को भी चुनौती दी गई है. इस धारा के अनुसार अलग-अलग वक़्त में भारत में जन्मे लोगों के लिए अलग अलग नियम हैं.

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन तो हो ही रहा है, कानूनी लड़ाई भी लड़ी जा रही है. इसी सिलसिले में शुक्रवार को एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन आफ सिविल राइटस नाम की संस्था ने शीर्ष अदालत में एक और याचिका दाखिल की है. इस याचिका में याचिकाकर्ता ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019, नागरिकता कानून 1955 की धारा 3(1) और नागरिकता कानून 1955 के तीसरे शेड्यूल को अंसवैधानिक बताया है.

याचिका में कहा है गया है कि नागरिकता कानून 1955 की धारा 3(1) भारत में विभिन्न समय में जन्में बच्चों को नागरिकता प्रदान करने के लिए अलग-अलग शर्तें रखता है. याचिका में बच्चों के अधिकार पर विशेष तौर पर जोर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि इसके प्रावधान ऐसे हैं कि कुछ बच्चों को कहीं की भी नागरिकता नहीं मिल पाती है और ऐसा करना यूनाइटेड नेशंस के मूल्यों और सिद्धांतों का उल्लंघन है.

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