नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग रैलियों एवं जनसभाओं पर लगी पाबंदी की समीक्षा कर रहा है। स्वास्थ्य सचिव के साथ आयोग मीटिंग करने के पश्चात् निर्णय लिया जाएगा कि रैलियां, सभाएं, यात्राएं करने की मंजूरी दी जाए या नहीं। इसका आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हो रहा है। इस मसले पर दोपहर 2:00 बजे तक आयोग की तरफ से ऑफिशियल बयान जारी कर दिया जाएगा।
वही शुक्रवार को हुई मीटिंग में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा एवं दोनों चुनाव आयुक्त इस बात पर एकमत थे कि कोराना रफ़्तार से बढ़ रहा है तथा रैली पर पाबंदी जारी रखना ही उचित होगा। चुनाव आयोग की मीटिंग में शुक्रवार को सपा द्वारा किए गए उल्लंघन का मसला सम्मिलित है। आयोग उल्लंघन पर FIR के अतिरिक्त जुर्माना लगाने का फैसला भी ले सकता है। लखनऊ समाजवादी पार्टी दफ्तर में रैली में भीड़ जुटाए जाने के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। यह खबर लखनऊ के सीपी डीके ठाकुर ने दी है।
वही पुलिस अफसर ने कहा कि खबर प्राप्त हुई थी कि लगभग 2500 लोग सपा के दफ्तर में जमा हुए थे। लखनऊ के सीपी ने कहा कि हमारी टीम ने वहां पहुंचकर समारोह को रोक दिया। साथ ही नियम के उल्लंघन के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वही आयोग ने चुनाव की दिनांकों का ऐलान करते हुए 15 जनवरी तक सभी प्रकार की रैलियों पर पाबंदी लगा दी थी तथा केवल वर्जुअल कैंपेन की अनुमति दी गई थी। चुनाव आयोग के फिलहाल जो गाइडलाइन जारी की हैं, उसके अनुसार राजनीतिक दलों द्वारा कोई भी पद यात्रा, साईकिल यात्रा या रोड शो निकालने पर प्रतिबंध है।
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