कामरूप: असम में 60 से अधिक संगठनों द्वारा नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के विरोध में 12 घंटे लंबे राज्यव्यापी बंद करने के का ऐलान किया है. कृष्ण मुक्ति संग्राम समिति और असम जतियातावादी युवा छात्र परिषद द्वारा इस बंद का ऐलान किया गया है. नई दिल्ली में घर और बाहरी मामलों के अधिकारियों के साथ नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर होने वाली संसदीय समिति की बैठक के खिलाफ भी असम में प्रदर्शन किया जा रहा है.
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इससे पहले जेपीसी के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सांसद राजेंद्र अग्रवाल द्वारा इसी वर्ष मई में असम का दौरा किया गया था, साथ ही जेपीसी ने सम्बंधित मंत्रालयों के साथ नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 को लेकर दो बार बैठकें भी की थी. उल्लेखनीय है कि नागरिकता एक्ट 1955 में संशोधन करने के लिए लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया गया था, जिसे केंद्र द्वारा मंजूरी दे दी गई थी.इस विधेयक के अंतर्गत 31 दिसम्बर 2014 से पहले अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत में आकर बसे गैर-मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने को मंजूरी दी गई थी.
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लेकिन असम के कई संगठनों ने इसका विरोध किया था, अब इस मुद्दे पर कांग्रेस भी संगठनों के साथ आ गई है और केंद्र सरकार का विरोध कर रही है. बंद को देखते हुए राज्य की भाजपा सरकार ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं, वहीं मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सम्बंधित मुद्दे पर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की है. इसी बीच राज्य के वित्त मंत्री ने बंद को अवैध बताते हुए कहा है कि अदालत की नज़र में ये बंद अवैध है, बंद कराने वाले लोगों को इसकी क्षतिपूर्ति करनी होगी.
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