दिसपुर : भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य असम में एक ऐसी अनोखी फसल पाई गई है जिसे खाने के लिए आपको पकाने की जरुरत भी नहीं होगी. यह फसल पाई गई है असम में असम में एक खास किस्म का चावल पाया गया है. इस चावल को अब आई (जियॉग्राफिकल इंडिकेशंस) टैग मिल गया है. बता दें कि इस चावल को पकाने के लिए किसी भी तरह के गैस,आग या बिजली की जरुरत नहीं होती है. दरअसल इस चावल को सामान्य तापमान पर पानी में भिगो देने से ही यह चावल खाने के लिए तैयार हो जाता है.
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असम से मिले इस चावल को बोका चाउल या असमिया मुलायम चावल या असमिया भाषा में ओरीजा सातिवा नाम से जाना जाता है. चावल की इस खास और अनोखी किस्म को जीआई टैग मिलने के बाद इस पर राज्य का क़ानूनी अधिकार हो गया है. इस खास चावल की खेती असम के नलबारी, बारपेटा, गोलपाड़ा, बक्सा, कामरुप, धुबरी, कोकराझर और दररंग जिलों में की जाती है.
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इस खास चावल को सर्दियों के समय में बोया जाता है. बता दें कि यह चावल 17वीं सदी का माना जाता है. इस तरह की कई कहानी सामने आई है जिसमे बताया जाता है कि मुगल सेना से लड़ने वाले अहोम सैनिक युद्ध के समय इसी चावल का सेवन करते थे. असम में इस चावल को दही, गुड़, दूध, चीनी आदि के साथ खाते हैं.
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