नागरिकता कानून को लेकर सरकार को कोर्ट का फरमान,  अब करना ही होगा ये काम
नागरिकता कानून को लेकर सरकार को कोर्ट का फरमान, अब करना ही होगा ये काम
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गुवाहाटी: असम में बीते सात दिनों से इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक के मद्देनजर गुवाहाटी हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह चरणबद्ध तरीके से इंटरनेट पर जारी पाबन्दी को हटाए। राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा और इंटरनेट पर लगाई गई रोक को देखते हुए दायर अनेक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इसे चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए कहा है।

प्रदेश  सरकार ने न्यायालय के सामने कहा कि मोबाइल इंटरनेट पर रोक  के फैसले की दैनिक आधार पर समीक्षा की जा रही है और स्थिति के आधार पर इसे पूर्णतः हटा लिया जाएगा। प्रदेश के दस जिलों में 11 दिसंबर से मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर सरकार ने बैन लगा दिया था और इस फैसले के खिलाफ पत्रकारों, वकीलों और अन्य लोगों ने गुवाहाटी हाई कोर्ट में अनेक याचिकाएं दाखिल की थी। 

इसके बाद से सभी सेवा प्रदाताओं ने ब्राडबैंड सेवाओं को आज सुबह नौ बजे से आरम्भ कर दिया है, जबकि मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगा बैन 18 दिसंबर तक जारी रहेगा और इसकी समीक्षा की जाएगी। वहीं, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बिहार की बॉर्डर से लगे पश्चिम बंगाल के कई रेलवे स्टेशनो पर हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए पूर्व रेलवे के मालदह मंडल में हाई अलर्ट जारी किया गया है। 

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