गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन कानून पर भाजपा को अब उसकी सहयोगी पार्टियां ही घेरने लगी हैं। पूर्वोत्तर में भाजपा की सबसे अहम सहयोगी पार्टी असम गण परिषद ने नागरिकता कानून के विरोध की घोषणा कर दी है। भाजपा को बड़ा झटका देते हुए असम गण परिषद ने घोषणा की है कि वह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ याचिका दायर करेगी।
असम गण परिषद के जोई नाथ शर्मा ने कहा है कि, "शनिवार को पार्टी की मीटिंग आयोजित की गई। पार्टी ने असम में नागरिकता संशोधन कानून और विशेष रूप से ब्रह्मपुत्र घाटी में कार्यान्वयन को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। हमारे पार्टी अध्यक्ष एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगा।"
नागरिकता संशोधन कानून पर असम गण परिषद के स्टैंड को भाजपा के लिए करारा झटका माना जा रहा है। इससे पहले असम गण परिषद ने नागरिकता कानून का समर्थन किया था। संसद के दोनों सदनों से नगारिकता संशोधन बिल पारित होने और इस पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद से पूरा पूर्वोत्तर के राज्य जल रहे है। असम में सबसे अधिक उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं। असम के 10 जिले प्रभावित हुए हैं। 10 जिलों में इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगा दी गई है। राज्य के कई इलाकों में कर्फ्यू भी जारी है।
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