ईमानदारी की गाथा : जिसके लिए मोदी ने बदल दिया एयर इंडिया का नियम
ईमानदारी की गाथा : जिसके लिए मोदी ने बदल दिया एयर इंडिया का नियम
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मध्यप्रदेश / इंदौर : जब देश भ्रष्टाचार का दंश झेल रहा था और सरकारी विभाग दम तोड़ रहे थे तब अश्वनी लोहानी ने आकर ईमानदारी कि ऐसी गाथा लिखी कि देखने वाले भी देखते रह गए. जब लोगो के पास सरकारी पैसा आने लगता है तो वह मदमस्त हाथी की तरह चलता है लेकिन, अश्वनी लोहानी एक ऐसा नाम जिन्होंने सरकारी पैसे से न तो कभी लक्जरी लाइफ जी और न कभी फाइव स्टार होटल में अपने परिवार को एक कप चाय पिलाई.

जब इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन(ITDC) घाटे की मार से दम तोड़ रहा था तब लोहानी ने ईमानदारी का परिचय देते हुए न तो खुद के ऊपर सरकारी पैसो को खर्च किया और न ही अपने ऑफिस के लोगो को करने दिया और देखते ही देखते ITDC को मुनाफे में पंहुचा दिया. यह लोहानी का पहला अध्याय था.

जब लोहानी की ईमानदारी की भनक मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को पता चली तो उन्होंने खस्तहाली से जूझ रहे मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम को भी दुरुस्त करने का जिम्मा लोहानी को सौंप दिया. लोहानी इस पर भी खरे उतरे और वह लाइम लाइट में आ गए. प्रदेश सहित लोहानी की ईमानदारी के चर्चे कई जगह पर होने लगे.

लोहानी की ईमानदारी से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान भी अछूते नही रहे. इसके बाद फिर क्या था मोदी ने यूपीए राज में बर्बादी की कगार पर आए एयर इंडिया को बचाने की कमान अश्वनी लोहानी के हाथ में दे दी. एक रेलवे अधिकारी को अचानक एयर इंडिया का मुखिया बनते देख लोग हैरान हो गए लेकिन लोगो को शायद पता नही था कि इसके पीछे मोदी का बहुत बड़ा भरोसा टिका था. जिस समय लोहानी ने एयर इंडिया की कमान अपने हाथ में ली उस समय वह करीब दो हजार करोड़ के घाटे से जूझ रहा था लेकिन अश्वनी ने महज एक साल के भीतर 105 करोड़ का मुनाफा पहुंचाकर मोदी के भरोसे को जीत लिया. मोदी ने एक ऐसी परंपरा को तोड़कर लोहानी पर भरोसा किया जो कि एयर इंडिया के नियमो पर कही से कही तक फिट नही बैठती.

वैसे तो एयर इंडिया का सीएमडी किसी सीनियर आईएएस को बनाने का नियम है लेकिन जब मोदी ने भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा(IRES) के एक ऐसे अधिकारी को एयर इंडिया का मुखिया बना दिया जिसे हवाई सेवाओ के बारे में अनुभव भी नहीं. अश्वनी ने अगस्त 2015 में एयर इंडिया की कमान अपने हाथ में संभाली थी. अश्वनी ने एयर इंडिया का जिम्मा संभालते हुए ऑफिस के सभी खर्चे बंद कर दिए. मीटिंग और टूर के नाम पर अफसरों पर जो खर्च होता था उसपर नकेल कसी. यहां तक कह दिया कि उन्हें गिफ्ट में कोई भी कोई स्टाफ बुके आदि भेंट नही करेगा. ऐसे तमाम फैसलों से अश्वनी ने सभी स्टाफ का सहयोग लेते हुए एयर इंडिया की हालत सुधार दी. अश्वनी की ईमानदारी का आलम ये है कि वे आज भी सरदार पटेल मार्ग स्थित रेलवे कालोनी के मकान में रहते हैं.

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