चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार, 5 अक्टूबर को मतदान होना है, और चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। हालांकि, चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। एक दिन पहले, बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के एक उम्मीदवार ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसके साथ ही, चुनाव प्रचार के आखिरी दिन एक और बड़ा घटनाक्रम हुआ, जब हरियाणा के प्रमुख नेता अशोक तंवर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर कांग्रेस में वापसी कर ली।
अशोक तंवर की यह वापसी केवल 8 महीनों के भीतर हुई है। इस साल 20 जनवरी को उन्होंने नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ली थी। इसके बाद उन्हें अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनावों में सिरसा सीट से भाजपा का टिकट मिला था। हालांकि, उन्हें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा के खिलाफ कड़ी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें 2.50 लाख से अधिक वोटों के अंतर से पराजित हुए थे।
तंवर के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में लौटने का फैसला विधानसभा चुनाव के ठीक पहले आया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। हरियाणा की राजनीति में तंवर का एक महत्वपूर्ण कद है, और उनकी वापसी कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है। चुनाव के इतने नजदीक दल बदलने की यह गतिविधियां राज्य की राजनीति को और दिलचस्प बना रही हैं।
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