अभिनेता बनते ही टूट गई थी अशोक कुमार की शादी, 1 साल तक सिनेमाघर में चली थी उनकी ये फिल्म
अभिनेता बनते ही टूट गई थी अशोक कुमार की शादी, 1 साल तक सिनेमाघर में चली थी उनकी ये फिल्म
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वकालत पढ़ने वाले अशोक कुमार ने बॉलीवुड में अपना दम दिखाते हुए खूब नाम कमाया। आज ही के दिन उनका निधन हुआ था। अशोक को बचपन से फिल्में देखना बहुत पसंद था और इसी के चलते क्लास के बाद वे अपने दोस्तों के साथ थियेटर चले जाते थे। अशोक शुरू में अभिनेता नहीं डायरेक्टर बनना चाहते थे, क्योंकि उन दिनों अभिनय को गंदा पेशा माना जाता था। उस समय अशोक कुमार का कहना था, “कॉल गर्ल हीरोइनें बनती हैं और भड़ुवे (दलाल) हीरो बनते हैं।” हालाँकि बाद में वह अभिनेता बने और लोगों का दिल जीत लिया।

बतौर अभिनेता अपनी पहली ही फिल्म ‘जीवन नैया’ (1936) में अशोक कुमार ने ख़ुद एक गाना गाया था। इस गाने के बोल थे – “कोई हमदम न रहा, कोई सहारा न रहा”। इस गाने के बाद उनके भाई किशोर कुमार ने साल 1961 में फिल्म ‘झुमरू’ में यही गाना रिवाइव किया। उस समय वह फिल्म के हीरो थे, और म्यूजिक भी कंपोज किया था और यह गाना भी उन्होंने अपनी आवाज में गाया था। ‘जीवन नैया’ अशोक की डेब्यू फिल्म रही थी। जब वह अभिनेता बने तो उनके घर खंडवा में कोलाहल मच गया। उनकी तय शादी टूट गई। मां रोने लगीं। उनके पिता नागपुर गए। वहां अपने कॉलेज के दोस्त रविशंकर शुक्ल से मिले जो तब मुख्य मंत्री थे। उस दौरान उन्होंने उन्हें अपनी स्थिति बताई और अपने बेटे को कोई नौकरी देने की बात कही। ऐसे में शुक्ल ने दो नौकरियों के ऑफर लेटर दिए। इनमे एक था आय कर विभाग के अध्यक्ष का पद जिसकी महीने की तनख्वाह 250 रुपये थी। उसके बाद पिता अशोक से मिले और एक्टिंग छोड़ने को कहा।

वहीं अशोक हिमांशु राय के पास गए और उन्हें नौकरी के कागज़ दिखाए और कहा कि उनके पिता बाहर खड़े हैं और उनसे बात करना चाहते हैं। उस दौरान राय ने अकेले में उनके पिता से बात की और थोड़ी देर बाद उनके पिता अशोक के पास आए और नौकरी के कागज़ फाड़ दिए। उस दौरान उन्होंने अशोक से कहा, ''वो (हिमांशु राय) कहते हैं कि अगर तुम यही काम करोगे तो बहुत ऊंचे मुकाम तक पहुंचोगे। तो मुझे लगता है तुम्हें यहीं रुकना चाहिए।'' देखते ही देखते अशोक सुपर स्टार बन गए। उनका नाम दादामोनी पड़ गया और उस दौरान अशोक कुमार का क्रेज़ ऐसा था कि वे कभी-कभार ही घर से निकलते थे और जब भी निकलते तो भारी भीड़ जमा हो जाती और ट्रैफिक रुक जाता था। भीड़ दूर करने के लिए कभी-कभी पुलिस को लाठियां चलानी पड़ती थीं। आपको बता दें कि उनकी फिल्म ‘किस्मत’ पहली हिंदी फिल्म थी जिसने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई की थी। ये एक साल सिनेमाघरों में चली और सुपरहिट रही।

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