अमरावती: आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में 19 जनवरी को कोरोना की वैक्सीन लगवाने वाली 44 साल की आशा वर्कर विजया लक्ष्मी की रविवार को मौत हो गई। परिवार वालों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी मौत टीके की वजह से हुई है। इस मामले में आशा वर्करों ने सरकारी अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया और मृतका के परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवज़ा देने की मांग की।
इस दौरान सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के एक नेता की जिला कलेक्टर से कहासुनी भी हो गई। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने जबरन मौके से हटाया। वहीं, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी। किन्तु ऐसा नहीं लगता कि मौत टीके की वजह से हुई है, क्योंकि जिले में अब तक 10 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन लगी है और किसी में भी विपरीत असर की रिपोर्ट नहीं हुई है।
वहीं, तेलंगाना के वारंगल जिले से भी 45 साल की एक आंगनवाड़ी शिक्षिका की मौत की खबर आई है। उसे भी 19 जनवरी को टीका लगा था। शनिवार रात सीने में दर्द होने पर वह कुछ दवाएं लेकर सो गई और रविवार सुबह मृत पाई गई। पोस्टमार्टम के लिए उसकी लाश महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल ले जाइ गई है और जांच के लिए सैंपल भी लिए गए हैं।
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