धर्मनिरपेक्षता संविधान में गाली है : असदुद्दीन ओवैसी
धर्मनिरपेक्षता संविधान में गाली है : असदुद्दीन ओवैसी
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नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हमेशा से ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में बन रहते है. कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक बड़ा विवादित बयान दिया था जिसमे उन्होंने कहा था कि संविधान में धर्मनिरपेक्षता शब्द गाली जैसा लगता है.

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एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बात करते हुए कहा कि  “संविधान में जो उल्लेख किया गया है, हम उसके मतलब और रूह को आज तक समझ ही नहीं पाए है. लोगों ने सेक्युलरिज्म का मतलब यह बना कर रख दिया है कि मुस्लिम लोग धर्मनिरपेक्ष पार्टी के अधीन रहे. सेक्युलरिज्म का मतलब ये नहीं है कि हिंदुस्तान की लोकसभा में सिर्फ कुछ गिने चुने   मुसलमान ही जीत कर आए. आगे कहा सेक्युरलिज्म के यह भी मायने नहीं है कि  बीजेपी मुस्लिमों को टिकट न दें. उन्होंने  गुजरात, कर्नाटक और यूपी का नाम लिया.”

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उन्होंने आगे कहा धर्मनिरपेक्ष का यह मतलब नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष मंदिरों को जाएं और मस्जिदों को दरकिनार करे. आरएसएस संघ  मुसलमानों को सांप कहता है. यह तो धर्म निरपेक्ष नहीं होता है. बता दें कि एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से सांसद भी है. यहाँ पर बातचीत के दौरान ओवैसी ने राहुल और मोदी दोनों पर निशाना साधा.

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