मानव जीवन में धर्म कर्म से जुड़ना ,उन्हें मानना ,अपनाना बेहद जरूरी होता है .प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उसका कोई ना कोई इष्ट देव होना चाहिए जो उसे इस संसार सागर से मुक्ति दिलाता है.और उसके जीवन के हर एक कार्य को पूर्ण करता है .
इन्हीं इष्ट देवो में एक भगवान शिव है. जिनकी पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है.आप तौर पर आपने भी देखा होगा की लोग भगवान शिव के शिवलिंग रूप की पूजा करते है. पर यदि आप भगवान शिव की मूर्ति पूजन करते है तो इसका और भी महत्त्व होता है. भगवान शिव की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर पूजन करने से हर एक मनोरथ होते है पूर्ण श्रीलिंग महापुराण में भगवान शिव के विभिन्न मूर्ति स्वरूप का वर्णन मिलता है.
1. धर्म ग्रंथ में वर्णित है की कार्तिकेय के साथ भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य की सभी कामनाएं पूरी हो जाती है और सांसारिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है .
2. बताया गया है की जिस मूर्ति में भगवान शिव एक पैर, चार हाथ और तीन नेत्रों वाले और हाथ में त्रिशूल लिए हुए हों और जिनके उत्तर दिशा की ओर भगवान विष्णु और दक्षिण दिशा की ओर भगवान ब्रह्मा की मूर्ति हो ऐसी प्रतिमा की पूजा करने से मनुष्य को अपने जीवन में किसी भी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता वह सम्पूर्ण जीवन काल में स्वस्थ रहता है .
3. भगवान शिव की तीन पैरों, सात हाथों और दो सिरों वाली मूर्ति जिसमें भगवान शिव अग्निस्वरूप में हों, ऐसी मूर्ति की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य को अन्न की प्राप्ति होती है.
4. जो भी व्यक्ति माँ पार्वती और भगवान शिव की बैल पर बैठी हुई युगल छवि की पूजा करता है उसके संतान की प्राप्ति होती है .
.
5. भगवान शिव की अर्द्धनारीश्वर मूर्ति की पूजा करने से अच्छी पत्नी और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है.
6. यदि मानव भगवान शिव की उपदेश देने वाली स्थिति में बैठे भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करता है, उसे विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है.
7. बताया गया है की यदि नन्दी और माता पार्वती के साथ अन्य गणों से घिरे हुए भगवान शिव की ऐसी मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य को इस जगत में पद और प्रतिष्ठा मिलती है .
8. माता पार्वती सहित नृत्य करते हुए, हजारों भुजाओं वाली भगवान शिव की मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य जीवन के सभी सुखों का लाभ लेता है.
9. भगवान शिव की जिस प्रतिमा में भगवान शिव दैत्य निकुंभ की पीठ पर अपने दाएं पैर को रखे और जिनके बाईं ओर माँ पार्वती हों ऐसी मूर्ति से व्यक्ति को शत्रुओं से विजय मिलती है .उसके जीवन में शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है,