May 07 2016 12:45 PM
नई दिल्ली : इस्पात सचिव अरुणा सुन्दरराजन ने आज कहा कि कुछ इस्पात उत्पादों पर न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) की लगातार समीक्षा की जा रही है. जब तक बहुत जरुरी नहीं हो,सरकार का इसे जारी रखने का कोई इरादा नहीं है.
यदि उद्योग बेहतर स्तिथि में आ जाता है और अगर वैश्विक कीमतें बनी रहती हैं तो निश्चित रूप से एमआईपी की समीक्षा की जाएगी.फिलहाल पूर्ण रूप से आकलन करना जल्दबाजी होगी.
सरकार ने फरवरी में 173 इस्पात उत्पादों पर 341 डालर से 752 डालर प्रति टन के बीच एमआईपी लगाया गया है.इसका उद्देश्य सस्ते आयात से घरेलू इस्पात उत्पादों को राहत उपलब्ध कराना था.यह 6 माह के लिए बना रहेगा.
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